सेहत – स्वास्थ्य लाभ तिमुर के बीज और पत्तियां ज़ेन्थॉक्सिलम आर्मेटम सा का उपयोग करता है

हाँ: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके में पैदा होने वाला तिमूर के छिलके का उपयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि इसका स्वाद ही नहीं बल्कि इसके औषधीय फायदे भी हैं। तैमुर के बीज का इंजेक्शन -जुकाम, कब्ज, दस्त, त्वचा रोग के साथ माउथ फ्रेशनर का काम भी करते हैं तिमुर के उपचार के पत्ते एंटीसेप्टिक का काम करते हैं। इसलिए जब भी किसी को चोट लग जाती है तब भी इसका उपयोग कर सकते हैं।

तिमुर पर्वत में पाया जाता है
उत्तराखंड के राजधानी में रहने वाले आयुर्वेदिक चिकित्सक सिराज ने स्थानीय 18 को जानकारी दी है जिसमें कहा गया है कि तिमुर पर्वत में जो पाया जाता है उसका उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है, लेकिन अधिकांश लोग यह नहीं जानते कि यह बहुत ही स्वादिष्ट होता है। इसके वैज्ञानिक का नाम ज़ेन्थोक्सिलम आरमेटम है। यह उत्तराखंड के अलावा नेपाल में भी मसाले के रूप में लाया जाता है। पहाड़ में पुराने समय से ही दांतों का उपयोग किया जाता है। इसकी ताहनी से दातून दांत साफ हो गए थे। ये दांत में कीड़ा नहीं लगता. यह आपके लिए एक नाइचुरल टूथब्रश के रूप में आज भी प्रतिमा के बीच प्रचलित है।

आयुर्वेदिक चिकित्सक सिराज शेखा ने यह भी दी जानकारी कि तिमुर के फल, तानियां और पत्ते, बीज, छाल सभी औषधियां औषधीय रूप में उपयोगी हैं। मौजूद रिसर्च के कारण यह शरीर में हाई ब्लड प्रेशर को कम करने का भी काम करता है। इसे कई लोग पहाड़ी नीम भी कहते हैं। इसमें एंटीसेप्टिक गुण होता है। इसके साथ ही तैमुर के बीज मिर्च, कुचलना, दस्त, त्वचा रोग के साथ माउथ फ्रेशनर का काम भी करते हैं। साथ ही यह पाचन तंत्र बनाने में भी बहुत मददगार है। इसके संस्थापकों में एंटी-ट्यूमर गुण भी पाए जाते हैं।

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घर में रहती है सकारात्मकता
कुछ लोगों का मानना ​​है कि तैमूर में औषधि के अलावा कई धार्मिक सिद्धांत भी जुड़े हुए हैं। बताया जाता है कि सनातन धर्म में जब यज्ञोपवीत यानि जनेऊ संस्कार किया जाता है, तब ब्राह्मण के हाथ में इस वृक्ष का डंडी दी जाती है क्योंकि इसे सबसे गुणात्मक रूप से परिपूर्ण माना जाता है। यह भी प्रमाणित है कि इसकी लकड़ी को घर के चौखट में बांधने या मंदिर में रखने से नकारात्मक शक्तियां बच सकती हैं और घर में सकारात्मकता बनी रहती है।

तिमुर के लाभ (तैमूर के लाभ):

1. छूट-जुकाम में राहत: नजला-कफ को कम करने में असरदार होते हैं और नजला-कफ को कम करने में मदद करते हैं।

2. पाचन के लिए स्वादिष्ट: तिमुर का सेवन पाचन को मापता है और कब्ज करता है, दस्त जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।

3. त्वचा के इलाज में: तैमुर के बीज और पत्ते त्वचा संबंधी सहयोगी जैसे कि रैशेज, एक्जिमा और अन्य त्वचा के विकास में मदद करते हैं।

4. माउथ फ्रेशनर: तैमुर के बीज माउथ फ्रेशनर के रूप में काम करते हैं, मुंह की बदबू को दूर करने के लिए उपयोगी हैं।

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5. एंटीसेप्टिक गुण: तैमुर के पत्ते की चोट और गांठ पर लगाने से एंटीसेप्टिक का काम होता है, जिससे घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं।

6. हाई ब्लड डिवाइस कंट्रोल: तैमूर में मौजूद असहिष्णु ब्लड वॉल्यूम को कम करने में मदद मिलती है।

7. प्राकृतिक टूथब्रश: तिमुर की तानियों से दांतों की सफाई की जाती थी, जिनके दांतों में कीड़े नहीं थे।

8. ट्यूमर रोधी गुण: तैमुर के बल्लेबाजों में एंटी-ट्यूमर गुण होते हैं, जो कैंसर जैसे सामान से बचाव में सहायक होते हैं।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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