किसान पंचायत का आयोजन: विभिन्न समस्याओं को लेकर भाकियू ने की पंचायत
रिपोर्ट - पवन कुमार द्विवेदी
इटियाथोक, गोंडा – भारतीय किसान यूनियन ने आज जिला पंचायत के सामने एक महत्वपूर्ण किसान पंचायत का आयोजन किया। इस पंचायत का उद्देश्य किसानों की विभिन्न समस्याओं का समाधान करना था, जो उन्हें प्रतिदिन की कृषि गतिविधियों में सामना करना पड़ता है। पंचायत में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें छुट्टा जानवरों को गौशाला में रखने, गैलन ग्रंट जमुनहा थाना मनकापुर के पांचू के मामले का समाधान, ग्राम साजिया तहसील तरबगंज में बिजली की समस्याओं, और कृषक अनिल वर्मा के बर्बाद फसल का मुआवजा दिलाने के संदर्भ में बातें शामिल थीं।
प्राथमिक मुद्दों की चर्चा
किसान पंचायत में उपस्थित किसानों ने अपने-अपने मुद्दों को उठाया। उनमें से सबसे प्रमुख था छुट्टा जानवरों की समस्या, जो कि किसानों की फसलों के लिए घातक साबित हो रहा है। किसानों ने प्रशासन से अनुरोध किया कि इन जानवरों को गौशाला में रखने की व्यवस्था की जाए, ताकि उनकी फसलों की रक्षा हो सके।
साथ ही, ग्राम साजिया के बिजली संबंधी मुद्दे पर भी चर्चा हुई। कई किसान यह शिकायत कर रहे थे कि बिजली के आपूर्ति में अनियमितता के कारण उनके कृषि कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इस मामले में अधिकारियों से आश्वासन मिला है कि वे जल्द से जल्द समाधान के लिए कदम उठाएंगे।
अनिल वर्मा की फसल के नुकसान का मुद्दा
किसान अनिल वर्मा के बर्बाद फसल का मुआवजा दिलाने का मुद्दा भी उठाया गया। अनिल वर्मा ने अपनी कठिनाई साझा करते हुए बताया कि आर्थिक संकट के कारण वह अपने परिवार को पालने में गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। सरकार से अपेक्षा है कि उसे तत्काल मदद मिलेगी।
प्रशासन की भूमिका
पंचायत में जिला अध्यक्ष शिवराम उपाध्याय ने प्रशासन से आश्वासन दिया कि सभी मामलों पर एक सप्ताह के भीतर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा, “अगर 20 दिसंबर तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो हम पुनः पंचायत का आयोजन करेंगे।” उनका यह बयान दर्शाता है कि किसान यूनियन प्रशासन पर दबाव बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
किसानों की एकजुटता
इस पंचायत में कई किसान उपस्थित रहे, जिनमें आचार्य माहेश्वरी, उत्तम दुबे, दयाराम वर्मा, रीना देवी, उमा देवी, कलावती, जाना देवी, चेतन वर्मा, काशी प्रसाद और नीलम जैसी महत्वपूर्ण हस्तियों ने हिस्सा लिया। इन किसानों ने एकजुटता का भाव प्रदर्शित किया और अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया।
भारतीय किसान यूनियन के इस आयोजन से स्पष्ट हो गया है कि किसानों की समस्याएं अनेक और जटिल हैं, लेकिन उनका समाधान संभव है, यदि प्रशासन की ओर से सक्रियता दिखाई जाए। इस पंचायत ने यह संदेश दिया है कि एकजुट होकर ही किसान अपनी आवाज को प्रभावी बना सकते हैं और अपनी समस्याओं का समाधान करवा सकते हैं। आगे के घटनाक्रमों पर सभी की नजर रहेगी, खासकर 20 दिसंबर के बाद जब एक बार फिर यह किसान पंचायत आयोजित होने की संभावना है। ऐसे आयोजनों की आवश्कता है ताकि किसान अपने हकों के लिए लड सकें और अपनी आवाज उठा सकें।