UP News: महाकुंभ से शंकराचार्य को बाहर करने की मांग, CM योगी का किया था विरोध – INA

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ को लेकर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने योगी सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने खराब व्यवस्था और सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. इसके साथ ही उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री से नैतिक आधार पर इस्तीफा भी मांगा था. अब भविष्य में उन्हें कुंभ क्षेत्र में स्थान न दिए जाने और वर्तमान में कुंभ से बाहर किए जाने की मांग उठने लगी है.

महाकुंभ के बीच श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास की ओर से भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि की मुक्ति की मांग उठने लगी है. जन जागरण के तहत विराट संकल्प सभा का आयोजन प्रयागराज सेक्टर 5 राधा प्रसाद देव जू महाराज के पंडाल में आयोजित गया गया, जिसमें देश भर के प्रमुख संत, त्रिडंडी स्वामी, महामंडलेश्वर, वैष्णव संतो ने भाग लिया.

माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित किया

संकल्प सभा का शुभारंभ महामंडलेश्वर हरिदास संप्रदाय पीठाधीश्वर राधा प्रसाद देव जू महाराज, अखिल भारतीय दंडी स्वामी परिषद के अध्यक्ष विद्यानंद महाराज, श्री कृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार पंडित दिनेश फलाहारी, बसेरा ग्रुप के अध्यक्ष रामकिशन अग्रवाल, भागवत आचार्य बलराम महाराज जी ने भगवान कृष्ण के चित्रपट पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित किया.

सीएम योगी के इस्तीफा की मांग

संकल्प सभा में भगवान श्री कृष्ण की जन्म भूमि मुक्ति के लिए शंखनाद के साथ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से कुंभ के बारे में भ्रामक बातें और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से इस्तीफा मांगने पर आयोजित संकल्प सभा में मौजूद संतों ने निंदा प्रस्ताव पास करते हुए अविमुक्तेश्वरानंद शंकराचार्य को भविष्य में कुंभ क्षेत्र में स्थान न दिए जाने और वर्तमान में कुंभ से बाहर किए जाने की मांग की.

कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के लिए संकल्प

हजारों की संख्या में उपस्थित संतों और जनमानस ने 108 बार हाथ उठाते हुए कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के लिए संकल्प लिया. संकल्प सभा वेद मंत्रों से गुंजायमान हो रही थी. चार चरणों में चली संकल्प सभा में हजारों साधु संतों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और संकल्प लिया. इस अवसर पर श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष और श्री कृष्ण जन्मभूमि केस के पक्षकार पंडित दिनेश फलाहारी ने कहा कि भगवान योगेश्वर श्री कृष्ण की जन्मभूमि जब तक मुक्त नहीं होती. भारतवर्ष अपने परम वैभव को प्राप्त नहीं कर सकता.

आगे कुंभ में जगह न देने की बात

उन्होंने आगे कहा कि भगवान राम, कृष्ण, भारतवर्ष के हर संत और हिंदू सनातनी की आत्मा में वास करते हैं. जब तक विधर्मियों से यह स्थान मुक्त नहीं हो जाता. तब तक हम चैन से नहीं बैठ सकते. अपनी तपस्या को बल प्रदान करने के लिए हमने संकल्प के रूप में अन्न का त्याग किया है. जब तक संपूर्ण 13.37 एकड़ जमीन हमारे कान्हा को प्राप्त नहीं हो जाती, तब तक हम अन्न को त्याग कर दृढ़ संकल्पित है. अविमुक्तेश्वरानंद जैसे तथाकथित शंकराचार्य जो कुंभ को बदनाम करते हैं और हिंदू हृदय सम्राट योगी आदित्यनाथ जैसे मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगते हैं, जनमानस में कुंभ के प्रति भेय व्याप्त करते हैं. ऐसे लोगों को कुंभ से बाहर किया जाना चाहिए और भविष्य में ऐसे लोगों को ऐसे अमृत तुल्य महा आयोजनों में स्थान नहीं मिलना चाहिए.

ये संत रहे मौजूद

महंत मोहिनी बिहारी शरण महाराज, श्री विद्यामातंड अरविंद स्वामी, दक्षिण भारत के प्रसिद्ध संत रामास्वामी वेंकटम नारायण भारती ने कहा कि जब भारतवर्ष में देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, जैसे पद नकली नहीं हो सकते, तो फिर ऐसे नकली शंकराचार्य जो धर्म की हानि कर रहे हैं. यह देश में क्यों रह रहे हैं? इस्तीफा मांगना राजनीतिक दलों का काम है. ऐसे लोग पथभ्रष्ट होकर सनातन को कमजोर कर रहे हैं और विपक्षी राजनीतिक दलों की कठपुतली बने हुए हैं. संकल्प सभा का संचालन राष्ट्रीय प्रवक्ता पंडित राजेश पाठक ने किया. इस अवसर पर प्रमुख रूप से बलराम आचार्य, सुभाष चंद्र शर्मा, जय गोपाल शास्त्री, सोनू ब्रह्मचारी, स्वरूपानंद त्यागी, नंद गिरी गिर्राज सिंह बाल्मीकि, ब्रह्माण्ड पांडे, कैलाश जायसवाल, रामनारायण कैलाशी, नंदेश्वर गौतम, मोहनदास बाबा रामदेव यादव,जयराम शर्मा, मनोहर लाल प्रजापति मौजूद रहे.

महाकुंभ से शंकराचार्य को बाहर करने की मांग, CM योगी का किया था विरोध





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