2 फरवरी को वैशाली में मनाया जाएगा गंगा दिवस और विश्व आद्र भूमि दिवस

राजेन्द्र कुमार, संवाददाता

वैशाली / हाजीपुर: अध्यक्ष जिला गंगा समिति, वैशाली सह जिला पदाधिकारी, वैशाली श्री यशपाल मीणा के नेतृत्व में 2 फरवरी, 2025 को जिला गंगा दिवस का आयोजन किया जाएगा। इस दिन, जनता को गंगा नदी के संरक्षण और उसकी महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा। गंगा के संरक्षण के लिए उठाए जा रहे कदमों के तहत, इस वर्ष वैशाली में विश्व आद्र भूमि दिवस (World Wetland Day) भी मनाया जाएगा, जो ठोस संदेश देने का एक अवसर है कि हमें अपने जल और जैव विविधता के संरक्षण के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।

जिला गंगा समिति और वन प्रमंडल वैशाली के सहयोग से बरैला झील में आयोजित होने वाले इस विशेष कार्यक्रम में 1000 लोगों की भागीदारी की उम्मीद है, जिसका मुख्य उद्देश्य झील के संरक्षण हेतु मानव श्रृंखला का निर्माण करना है। यह तस्वीर न केवल गंगा की सुंदरता को बढ़ाएगी, बल्कि लोगों में जागरूकता भी बढ़ाएगी। इसके अलावा, वृहत वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

बरैला झील का संरक्षण: एक सामुदायिक प्रयास

बरैला झील के संरक्षण के लिए जागरूकता चर्चा कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें स्थानीय लोगों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। इस कार्यक्रम में ‘एक व्यक्ति, एक वृक्ष’ लगाने का प्रतिज्ञा भी लिया जाएगा, जिससे न केवल वृक्षारोपण होगा, बल्कि समुदाय में पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ेगी।

कार्यक्रम में भारत स्काउट एवं गाइड, एनसीसी, एनएसएस और नेहरू युवा केंद्र, वैशाली के स्वयं सेवक, जीविका समूह की महिलाएं, गंगा प्रहरी, पक्षी मित्र, और स्वच्छता ग्रही जैसे संगठन भी हिस्सा लेंगे। यह सभी संगठन मिलकर एक समर्पित प्रयास के तहत जल और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करेंगे।

जल और वनों का प्रभाव: गंगा के जीवन में

गंगा नदी को भारत की जीवन रेखा माना जाता है। यह न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। आगामी जिला गंगा दिवस और विश्व आद्र भूमि दिवस का आयोजन गंगा के जल और वनों के महत्व को समझाने का एक अच्छा अवसर है। जलवायु परिवर्तन और मानव गतिविधियों के कारण जल स्रोतों का संकट पैदा हो रहा है, जिसे निपटने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है। हमें जल, भूमि, और वनों के संरक्षण के प्रति गंभीरता से विचार करना होगा।

 गंगा का संरक्षण एक सामुदायिक दायित्व

जिला गंगा समिति का यह प्रयास निश्चय ही गंगा के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब हम सभी मिलकर गंगा और उसके आस-पास के क्षेत्रों के लिए कार्य करते हैं, तो यह न केवल जैव विविधता को स्थायित्व प्रदान करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर पर्यावरण का निर्माण भी करता है।

इस प्रकार, 2 फरवरी, 2025 को होने वाला जिला गंगा दिवस और विश्व आद्र भूमि दिवस का आयोजन एक राष्ट्रीय और वैश्विक मुद्दे के प्रति जन जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। आइए हम सब मिलकर इस पुनीत कार्य में भाग लें और गंगा तथा उसके पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने की दिशा में अपने कर्तव्यों का पालन करें।

गंगा का संरक्षण है, हमारा दायित्व।

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