नौतन के दक्षिणी तेलहुआ में मनरेगा योजना में 1 ही पुरानी फोटो के सहारे 2 योजनाओं की दर्ज की जा रही फर्जी हाजरी
संवाददाता-राजेन्द्र कुमार।
बेतिया। पश्चिमी चंपारण जिले के नौतन प्रखंड के दक्षिणी तेलहुआ पंचायत में मनरेगा योजना के अंतर्गत चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आई हैं। मिली जानकारी के अनुसार, यहां मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। विशेष रूप से, 1 ही पुरानी और धुंधली फोटो को 2 अलग-अलग योजनाओं में अपलोड कर फर्जी हाजरी दर्ज कराई जा रही है। यह खेल तब चल रहा है जब सरकार ने श्रमिकों की हाजिरी को पारदर्शी और डिजिटल बनाने की बड़ी पहल की है।
1 ही पुरानी फोटो को 2 योजनाओं में किया जा रहा अपलोड
दक्षिणी तेलहुआ पंचायत में चल रही मनरेगा योजना में यह फर्जीवाड़ा अत्यंत चौंकाने वाला है। यहां की वार्ड 15 में “बांध मिट्टी भराई सह जीर्णोद्धार कार्य योजना में” दिनांक 10/1/25 को जिस पुरानी फोटो को अपलोड किया गया, वही फोटो पंचायत की दूसरी योजना “विश्वनाथ राय के खेत से तेजनारायण राय के खेत तक बांध में मिट्टी भराई योजना” में भी सहर्ष डाल दी जाती है। इस प्रकार, 1 फोटो से ही 2 अलग-अलग योजनाओं में कुल 101 मजदूरों की फर्जी हाजरी हर रोज़ बनाई जा रही है। यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि सरकारी धन के साथ भी खेल है।
फर्जी हाजरी की भूचाल
सूत्रों का कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी में फर्जी हाजरी का यह खेल मनरेगाकर्मी के सहयोग से चल रहा है। यह समझ से परे है कि कैसे प्रशासनिक और तकनीकी प्रणाली के होते हुए भी ऐसी अनियमितता सामने आई है। इसका मुख्य कारण यह है कि निगरानी करने वाले विभाग के अधिकारी भी इस मामले में आंखें मूंदे हुए हैं या फिर वे भी इसमें शामिल हैं। इसके प्रभाव से लाखों रुपये का भुगतान इस फर्जी हाजरी पर किया जा रहा है, जो कि सीधे तौर पर सरकारी धन की बर्बादी है।
आधिकारिक मौनता
जब इस मामले पर अधिकारियों से बात की गई, तो उनकी प्रतिक्रिया चौंकाने वाली थी। कुछ अधिकारियों ने टिप्पणी की कि वे इस मुद्दे पर जानकारी जुटा रहे हैं। लेकिन, सालों साल से यह तरीका अपनाने वाले कुछ कर्मचारी उनके संरक्षण में फर्जी हाजरी का यह खेल चलते रहते हैं। यह मुद्दा स्थानीय राजनीतिक नेताओं के लिए भी चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक नहीं पहुँच रहा है लेकिन कुछ स्वार्थी व्यक्तियों की जेब में रक़म जा रही है।
मनरेगा योजना का महत्व
मनरेगा योजना, जो एक रोजगार गारंटी योजना है, का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में काम के अवसर प्रदान करना है। यह गरीब परिवारों को एक निश्चित संख्या में दिन काम देकर उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए बनाई गई थी। लेकिन, इस प्रकार के फर्जीवाड़े के चलते इस योजना की विश्वसनीयता भी प्रभावित हो रही है। जब योजनाओं में संसाधनों का गलत उपयोग होता है, तो वास्तविक जरूरतमंदों को इससे कोई लाभ नहीं मिलता।
दक्षिणी तेलहुआ पंचायत में मनरेगा योजना में 1 ही पुरानी फोटो के सहारे 2 योजनाओं में फर्जी हाजरी का यह मुद्दा अब गहराई से जांच का विषय बन गया है। इसकी गंभीरता को देखते हुए उचित कार्रवाई तत्काल आवश्यक है। यदि समय रहते प्रशासन इस मामले को नहीं सुलझाता है, तो यह न केवल सरकारी धन का अपव्यय है, बल्कि क्षेत्र के विकास को भी रोकने वाला है। स्थानीय नागरिकों की इस समस्या को सुलझाने में हमारी भूमिका भी महत्वपूर्ण है। सभी को एकजुट होकर इस मुद्दे के खिलाफ आवाज उठानी होगी ताकि मनरेगा योजना का सही लाभ जरूरतमंदों तक पहुँच सके और इस प्रकार के फर्जीवाड़े को रोका जा सके।