National-वीक में 90 घंटे काम और बीवी को घूरने वाली बात पर मचा बवाल, L&T चेयरमैन के बयान पर जानें किसने क्या कहा – #INA
L&T chairman 90 hours Work: ‘वर्क लाइफ बैलेंस’ ये एक शब्द ही नहीं है बल्कि दुनियाभर में काम करने वालों को खुशहाल जिंदगी के लिए सिखाए जाने वाला एक पाठ है। दुनिया भर के तमाम देश अपने नागरिकों के फिजिकल और मेंटल हेल्थ को सही रखने के लिए तमाम कोशिशें कर रहे हैं। वहीं दुनिया की तमाम कंपनियां तो अपने यहां काम करने वालों को वर्क की ही तरह, फिजिकल और मेंटल हेल्थ को सही रखने पर भी जोर देती हैं। लेकिन हाल ही के कुछ सालों में भारत में ‘वर्क लाइफ बैलेंस’ के खिलाफ उल्टी गंगा बहती हुई दिख रही है। ऐसा लगता है कि देश की कई कंपनियों की डिक्शनरी से ‘वर्क लाइफ बैलेंस’शब्द गायब ही हो गया है। पिछले साल देश के सबसे बड़ी कंपनियों में से एक इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। नारायण मूर्ति की इस बात पर खूब बहस हुई। अब लार्सन एंड टुब्रो (Larsen & Toubro) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने उनसे भी एक कदम आगे जाकर बयान दिया है।
इस बात पर छिड़ी बहस
लार्सन एंड टुब्रो (Larsen & Toubro) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने अपने यहां काम करने वालों को 90 घंटे काम करने की सलाह दी है। अपने कर्मचारियों के साथ बातचीत के दौरान, सुब्रह्मण्यन ने उन्हें हफ्ते में 90 घंटे के काम करने की सलाह दी और कर्मचारियों के घर पर वक्त बिताने पर सवाल उठाए। उन्होंने कर्मचारियों को काम को प्रॉयरिटी देने की सलाह दी और कहा कि, ‘मुझे खेद है कि मैं आप से रविवार को काम नहीं करवा पा रहा हूं. अगर मैं आपको रविवार को काम करवा पाऊं, तो मुझे ज़्यादा खुशी होगी क्योंकि मैं रविवार को काम करता हूं।’ उन्होंने आगे कहा कि, “आप घर पर बैठकर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक देख सकते हैं? चलो, ऑफिस जाओ और काम करना शुरू करो।”
दीपिका पादुकोण ने उठाया मेंटल हेल्थ का मुद्दा
लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन के इस बयान पर देश में एक बार फिर वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर बहस छिड़ गई है। देशभर में लोग एसएन सुब्रह्मण्यन के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस मुद्दे पर देश के कई बड़ी हस्तियों ने भी अपना रिएक्शन दिया है। बॉलीवुड के फेमस एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने भी इस मुद्दे पुर अपनी प्रतिक्रिया दी। एक्ट्रेस ने पत्रकार फेय डिसूजा की इसी बारे में पोस्ट की रिपोस्ट की और लिखा, “ऐसे वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों को इस तरह के बयान देते देखना चौंकाने वाला है।” उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी अपने पोस्ट में बात की।
दीपक शेनॉय ने कही ये बात
वहीं इस बहस में शामिल होते हुए कैपिटलमाइंड के संस्थापक और CEO दीपक शेनॉय ने भी प्रोडक्टिविटी और वर्क लाइफ बैलेंस पर अपनी बात रखी। दीपक शेनॉय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर अपने अनुभव साझा किए, जिसमें उन्होंने एक उद्यमी (entrepreneur) के रूप में सप्ताह में 100 घंटे से अधिक काम करने की बात कही। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि असली “काम” अक्सर केवल 4-5 घंटे ही होता है। उन्होंने कहा कि, मैंने अपने पूरे कामकाजी जीवन में शायद सप्ताह में 100 घंटे काम किया है, लेकिन उसमें से अधिकांश एक उद्यमी के रूप में था। आपको काम के घंटे गिनने सख्ती से लागू करने की जरूरत नहीं होती है। जो लोग मोटिवेडेड होते हैं वे खुशी से काम करेंगे। किसी भी मामले में वास्तविक काम दिन में 4-5 घंटे में होता है।’ काम के घंटों में अरक्सर मिटिंग को भी गिना जाता है, लेकिन अलस में जो काम होता है वो अपसे ज्यादा मेहनत कराती है। जिंदगी में वर्क लाइफ बैलेंस को बनाकर रखना चाहिए।
संडे का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’
आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने अपनी पोस्ट में 90 घंटे काम करने के विचार पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा, “हफ्ते में 90 घंटे? संडे का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ क्यों न कर दिया जाए और ‘छुट्टी का दिन’ एक काल्पनिक अवधारणा क्यों न बना दिया जाए! मैं कड़ी मेहनत और समझदारी से काम करने में विश्वास करता हूं, लेकिन जीवन को एक सतत कार्यालय शिफ्ट में बदल देना? यह बर्नआउट का नुस्खा है, सफलता का नहीं। वर्क-लाइफ बैलेंस वैकल्पिक नहीं है, यह आवश्यक है। खैर, यह मेरा विचार है! #वर्कस्मार्टनॉटस्लेव।”
वीक में 90 घंटे काम और बीवी को घूरने वाली बात पर मचा बवाल, L&T चेयरमैन के बयान पर जानें किसने क्या कहा
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on hindi.moneycontrol.com, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,