Nation- मात्र 8 घंटे में नागपुर से मुंबई का सफर, देश का हाई स्पीड एक्सप्रेसवे तैयार! फरवरी में PM मोदी करेंगे उद्घाटन- #NA
मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे.
- सीएम देवेंद्र फडणवीस का ड्रीम प्रोजेक्ट
- समृद्धि महामार्ग की क्या है खासियत?
- क्या होंगी सुविधाएं?
- सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
- उपलब्धियां और आंकड़े
- जनता को नए साल का तोहफा
- समृद्धि महामार्ग परियोजना का अंतिम चरण
- पहले चरण से अब तक का सफर
- अंतिम चरण: इगतपुरी से भिवंडी
- लैंडमार्क: सबसे लंबी और चौड़ी सुरंग
- 150 किमी प्रति घंटे की स्पीड क्षमता
- वन्यजीवों की सुरक्षा
- स्मार्ट टोल नीति
महाराष्ट्र का सबसे बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, समृद्धि महामार्ग, पूरी तरह से तैयार है. इसके आखिरी चरण के फिनिशिंग का कार्य जारी है, जो 15 दिनों में पूरा हो जाएगा. 701 किलोमीटर लंबे इस महामार्ग का आखिरी चरण, इगतपुरी से मुंबई तक का 76 किलोमीटर का हिस्सा, बनकर तैयार हो चुका है. देश के प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जल्द ही इसका उद्घाटन कर सकते हैं.
यह महामार्ग मुंबई से नागपुर के बीच की दूरी को 16 घंटे से घटाकर 8 घंटे में तय करने में मदद करेगा. इसे महाराष्ट्र के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर माना जा रहा है.
सीएम देवेंद्र फडणवीस का ड्रीम प्रोजेक्ट
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस का यह ड्रीम प्रोजेक्ट उनके विजन का नतीजा है. उन्होंने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन (MSRDC) के मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉ. अनिल कुमार बलीराम गायकवाड़ को विशेष जिम्मेदारी सौंपी. डॉ. गायकवाड़ सर्वश्रेष्ठ अभियंता पुरस्कार और राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से सम्मानित हैं. उन्होंने पहले भी कई बड़े प्रोजेक्ट्स समय से पहले पूरे किए हैं. वे इस प्रोजेक्ट के साथ बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक, ठाणे क्रीक ब्रिज और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे मिसिंग लिंक जैसे कई अहम प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं.
समृद्धि महामार्ग की क्या है खासियत?
- लंबाई: 701 किलोमीटर लंबा और 6 लेन वाला यह महामार्ग देश का सबसे हाईटेक एक्सप्रेसवे है.
- स्पीड: इसे 150 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के लिए डिजाइन किया गया है.
क्या होंगी सुविधाएं?
- 65 फ्लाईओवर, 24 इंटरचेंज, 6 सुरंगें.
- 30 फ्यूल स्टेशन, 21 एंबुलेंस और क्विक रिस्पांस व्हीकल.
- 8 किलोमीटर लंबी हाईटेक ट्विन टनल, जो जर्मन तकनीक से लैस है.
- वन्यजीव सुरक्षा के लिए 100 से अधिक संरचनाएं बनाईं गई है ताकि वन्यजीव सुरक्षित तरीके से एक्सप्रेसवे पार कर सकें.
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
इस प्रोजेक्ट से महाराष्ट्र के 10 जिलों को सीधे और 14 जिलों को अप्रत्यक्ष रूप से कनेक्टिविटी मिली है. 18 नए स्मार्ट टाउन विकसित किए जाएंगे. वहीं स्थानीय उद्योगों और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही ट्रांसपोर्ट लागत घटेगी और आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी.
उपलब्धियां और आंकड़े
पिछले दो सालों में समृद्धि महामार्ग पर 1.52 करोड़ गाड़ियां सफर कर चुकी हैं, जिससे टोल के रूप में 1100 करोड़ रुपए की कमाई हुई है.
जनता को नए साल का तोहफा
केंद्र में नरेंद्र मोदी और राज्य में देवेंद्र फडणवीस की सरकार के लिए यह प्रोजेक्ट बेहद खास है. नए साल की शुरुआत से राज्य की जनता इस महामार्ग का लाभ उठा सकेगी.
समृद्धि महामार्ग परियोजना का अंतिम चरण
इस प्रोजेक्ट को हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे समृद्धि महामार्ग नाम दिया गया है. इसका निर्माण कार्य फिनिशिंग वर्क अब अपने अंतिम चरण में है. यह 701 किमी लंबा, सिक्स लेन का एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के विकास और संपर्क को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा. परियोजना की शुरुआत जनवरी 2019 में हुई थी, जिसे तीन वर्षों में दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण इसमें लगभग 1.5 वर्षों की देरी हुई.
पहले चरण से अब तक का सफर
- 11 दिसंबर 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महामार्ग के पहले चरण का उद्घाटन किया.
- 4 मार्च 2023: तीसरे चरण में इगतपुरी तक 25 किमी का कार्य पूरा.
- अब तक 625 किमी का हिस्सा जनता के लिए चालू हो चुका है.
अंतिम चरण: इगतपुरी से भिवंडी
समृद्धि महामार्ग का अंतिम चरण इगतपुरी से भिवंडी तक सबसे चुनौतीपूर्ण है. इसमें सह्याद्री घाट और बड़ी नदियों के कारण कई तकनीकी बाधाओं का सामना करना पड़ा.
लैंडमार्क: सबसे लंबी और चौड़ी सुरंग
इस चरण का मुख्य आकर्षण लगभग 8 किमी लंबी सुरंग है, जो पहाड़ के 425 मीटर नीचे बनाई गई है.
- चौड़ाई: 17.5 मीटर
- ऊंचाई: 9 मीटर
- लेन: 3+1 लेन के साथ एक स्टैंडबाय लेन.
- यह सुरंग भारत की अब तक की सबसे हाई-टेक सुरंगों में से एक है.
- उन्नत तकनीक से सुसज्जित
- फुल वॉटर मिस्ट सिस्टम.
- जर्मन तकनीक पर आधारित.
- आग लगने पर कुछ ही मिनटों में बुझाने की क्षमता.
- सेंसर आधारित पाइपलाइन और पानी की टंकियों से लैस.
- भविष्य में एयर लिफ्ट या एयर एम्बुलेंस की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यहां एक हेलीपैड भी बनाया गया है.
- 26 क्रॉस पैसेज
- इमरजेंसी के लिए दरवाजे.
- पब्लिक अनाउंसमेंट और इमरजेंसी फोन सिस्टम.
- उच्च प्रदर्शन जेट फैन से युक्त वेंटिलेशन सिस्टम.
150 किमी प्रति घंटे की स्पीड क्षमता
समृद्धि महामार्ग भारत का पहला हाईवे है, जिसे 150 किमी प्रति घंटे की गति के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह हाईवे 100 साल तक टिकाऊ रहने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले कंक्रीट से बनाया गया है.
वन्यजीवों की सुरक्षा
वन्यजीवों के निर्बाध आवागमन के लिए लगभग 800 संरचनाएं बनाई गई हैं.
स्मार्ट टोल नीति
इस हाईवे पर एग्जिट टोल पॉलिसी लागू है. प्रवेश पर कोई टोल नहीं लिया जाएगा. आपकी यात्रा की दूरी इलेक्ट्रॉनिक रूप से दर्ज की जाएगी और निकलते समय किमी के अनुसार शुल्क लिया जाएगा.
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