National-Budget 2025 Expectations: सीतारमण ये 5 उम्मीदें पूरी कर दें तो मिडिल क्लास की हो जाएगी बल्ले-बल्ले – #INA
मिडिल क्लास को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के यूनियन बजट 2025 से काफी उम्मीदें हैं। इसकी वजह यह है कि पिछले 1-2 साल के बजटों में उनके लिए बजट में बड़े ऐलान नहीं किए गए हैं। महंगाई की बढ़ती मार ने मिडिल क्लास की स्थिति खराब कर दी है। ऐसे में अगर 1 फरवरी को वित्तमंत्री उनके लिए बड़े ऐलान करती हैं तो उनकी मुश्किल काफी हद तक कम हो जाएगी।
बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट में बदलाव
सरकार को इनकम टैक्स की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट (Basic Exemption Limit) में बदलाव करना चाहिए। पिछले कई सालों से सरकार ने बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट में बड़ा बदलाव नहीं किया है। जुलाई 2024 में यूनियन बजट (Union Budget) में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सिर्फ इनकम टैक्स की नई रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की थी। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को इनकम टैक्स की नई और पुरानी दोनों ही रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपये करनी चाहिए।
होम पर ज्यादा डिडक्शन
मिडिल क्लास के ज्यादातर लोग घर खरीदने के लिए होम लोन लेते हैं। कोविड के बाद से घरों की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। लेकिन, होम लोन पर टैक्स बेनेफिट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अभी सरकार इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24बी के तहत एक वित्त वर्ष में मैक्सिमम 2 लाख रुपये के होम लोन इंटरेस्ट पेमेंट पर डिडक्शन की इजाजत देती है। इसके अलावा होम लोन के प्रिंसिपल पर भी सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन मिलता है। इसकी सीमा सेक्शन 80सी की सीमा के हिसाब से 1.5 लाख रुपये है। सरकार को दोनों ही सेक्शन के तहत डिडक्शन बढ़ाना चाहिए।
HRA के लिए शहरों का दायरा बढ़ाया जाए
50 फीसदी एचआरए एग्जेम्प्शन के लिए शहरों का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए। अभी सिर्फ मेट्रो शहरों में रहने वाले लोगों को 50 फीसदी एचआरए एग्जेम्प्शन मिलता है। हैदराबाद, पुणे, बेंगलुरु, अहमदाबाद, गुरुग्राम जैसे शहरों को भी इसके दायरे में लाने की जरूरत है। इससे इन शहरों में भी रहने वाले लोगों को भी ज्यादा टैक्स बेनेफिट मिल सकेगा।
सेक्शन 80सी की लिमिट में इजाफा
सरकार ने पिछले कई सालों से सेक्शन 80सी की लिमिट में इजाफा नहीं किया है। सेक्शन 80सी के तहत इनवेस्टमेंट के करीब एक दर्जन ऑप्शंस आते हैं। लेकिन, इसकी लिमिट सिर्फ 1.5 लाख रुपये है। इसे बढ़ाकर कम से कम 3 लाख रुपये करने की जरूरत है। इससे मिडिल क्लास को काफी राहत मिलेगी।
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गिफ्ट टैक्स से छूट की सीमा में इजाफा
सरकार ने पिछले कई सालों से गिफ्ट टैक्स से छूट की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया है। आज भी यह 50,000 रुपये है। इससे ज्यादा मूल्य के गिफ्ट पर टैक्स लगता है। सरकार को इसे बढ़ाकर कम से कम 1 लाख रुपये करने की जरूरत है। पिछले सालों में महंगाई के चलते 50,000 रुपये की वैल्यू काफी घट गई है।
Budget 2025 Expectations: सीतारमण ये 5 उम्मीदें पूरी कर दें तो मिडिल क्लास की हो जाएगी बल्ले-बल्ले
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