National-10 साल तक घर लटकाना बिल्डर को पड़ा भारी, मुआवजे में अब होमबायर को मिलेंगे 2.26 करोड़ रुपये – #INA
Property: घर खरीदना भारत में सपने की तरह है। ज्यादातर लोग घर खरीदने के साथ ही जल्द शिफ्ट होने का प्लान करते हैं। लेकिन अगर ये विश 10 साल तक भी पूरा न हो? तो कैसा लगेगा? घर खरीदने के लिए 1 करोड़ रुपये देने के 10 साल बीतने के बाद भी घर का कब्जा नहीं मिला, ये मामला गुड़गांव के होम बायर का है। हालांकि, अब ये गलती बिल्डर को भारी पड़ी। अब बिल्डर 10 साल इंतजार कराने के लिए होमबायर को 1 करोड़ की जगह 2.26 करोड़ रुपये चुकाएगा। गुरुग्राम में फ्लैट खरीदने का सपना देखने वाले एक कपल को 10 सालों तक बिल्डर की देरी और झूठे वादों का सामना करना पड़ा। 2013 में 1.16 करोड़ रुपये के फ्लैट के लिए बुकिंग कराने के बाद भी, उन्हें न फ्लैट मिला और न ही पैसे वापिस मिले। इसके उलट, बिल्डर ने उन्हें बार-बार दूसरे प्रोजेक्ट में पैसा निवेश करने के लिए मना लिया।
गुड़गांव प्रीमियम प्रॉपर्टी
कपल ने 2013 में 12 लाख रुपये का बुकिंग अमाउंट देकर फ्लैट बुक किया। 2014 में 95 लाख रुपये का पेमेंट कर ₹1.07 करोड़ की कुल अमाउंट दिया और सेल एग्रीमेंट बनाया। लेकिन जब वह फ्लैट देखने गए, तो पता चला कि अभी बेसिक कंस्ट्रक्शन का काम भी शुरू नहीं हुआ है।
जब खरीदार ने बिल्डर से बुकिंग कैंसिल कर रिफंड मांगा, तो बिल्डर ने उन्हें 1.55 करोड़ रुपये के दूसरे फ्लैट में निवेश के लिए मना लिया। हालांकि, यह फ्लैट भी समय पर तैयार नहीं हुआ। जब 2022 तक भी फ्लैट का कब्जा नहीं मिला, तो खरीदार ने हरियाणा RERA में शिकायत दर्ज कराई।
हरियाणा RERA ने की जांच
हरियाणा RERA ने मामले की सुनवाई में पाया कि पहली बुकिंग के दौरान नवंबर 2013 को यूनिट नंबर 3016 आवंटित की गई थी। दूसरी बुकिंग साल 2017 में इसे कैंसिल कर सेक्टर 67A में यूनिट नंबर E-2144 आवंटित की गई। जनवरी 2018 को नए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। तीसरी बुकिंग फिर साल 2021 में फिर से एक और फ्लैट (यूनिट नंबर 1571-D ब्लॉक) अलॉट किया गया। कंस्ट्रक्शन में देरी के कारण बिल्डर ने 27 जुलाई 2022 तक फ्लैट का कब्जा देने का वादा किया था, लेकिन संबंधित प्राधिकरणों से ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट भी नहीं मिला।
हरियाण RERA ने सुनाया ये फैसला
RERA ने बिल्डर को दोषी ठहराते हुए कहा कि वह खरीदार को 1.07 करोड़ रुपये के बेसिक अमाउंट के साथ 11.1% सालाना ब्याज दर से मुआवजा दे। ब्याज का कैलकुलेशन पेमेंट की तारीख से रियल अमाउंट के मिलने तक की जाएगी। हरियाणा RERA ने बिल्डर को 2.26 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया। इसमें 1.07 रुपये करोड़ का रिफंड और 11.1% सालाना ब्याज शामिल है। यह फैसला खरीदार के हितों की सुरक्षा में अहम कदम है।
खरीदार के लिए न्याय और बिल्डरों को चेतावनी
यह मामला उन हजारों घर खरीदारों के लिए एक मिसाल है, जो बिल्डरों की देरी और वादाखिलाफी का सामना कर रहे हैं। RERA के इस फैसले ने साबित किया कि कानून खरीदारों के हितों की रक्षा करने में सक्षम है और बिल्डरों की जवाबदेही तय करने के लिए भी तैयार है।
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