देश- 135 किलोमीटर का खंड, 7 सुरंगें और 11 पुल… बुलेट ट्रेन के काम में चुनौती बना ये रूट – Hindi News | Construction work Mumbai Ahmedabad Bullet Train project in Maharashtra on track- #NA
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का निर्माण
महाराष्ट्र में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का निर्माण कार्य चल रहा है. इस 135 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में ज्यादातर ऊंचे खंड का निर्माण हाई-स्पीड रेल परियोजना में चुनौतीपूर्ण है. गुजरात-महाराष्ट्र सीमा के पास शिलफाटा और जारोली गांव के बीच का यह खंड ठाणे और पालघर जिलों को कवर करते हुए मुंबई महानगर क्षेत्र के 95 गांवों और कस्बों से होकर गुजरेगा.
इस कॉरिडोर में चुनौतीपूर्ण निर्माण कार्य शामिल है.135 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में 124 किलोमीटर तक सिर्फ पुल का निर्माण होगा. इसमें 11 स्टील पुल भी शामिल हैं. इस खंड में 7 पर्वतीय सुरंगें होंगी. वहीं ठाणे में एक रोलिंग स्टॉक डिपो के साथ-साथ तीन स्टेशनों-ठाणे, विरार और बोइसर-की योजना बनाई गई है.
मुंबई के कई राजमार्गों को करेगा पार
यह कॉरिडोर मध्य और पश्चिमी रेलवे लाइनों, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, मुंबई उपनगरीय लाइन और एलिवेटेड मुंबई मेट्रो लाइन 5 सहित कई प्रमुख बुनियादी ढांचे से होकर गुजरेगा. यह राष्ट्रीय राजमार्ग -48 जैसे प्रमुख राजमार्गों को भी पार करेगा और मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग-3 को भी पार करेगा.
इस कॉरिडोर के निर्माण के बीच चार प्रमुख नदियों पर पुल होंगे, जिनमें सबसे चुनौतीपूर्ण उल्हास नदी पर 460 मीटर लंबा स्टील पुल होगा, जो इस परियोजना का सबसे बड़ा स्टील पुल होगा. जबकि सबसे लंबा पुल वैतरणा नदी पर बनेगा जो 2.32 किमी लंबा होगा.
अलग-अलग जगहों पर चल रहा काम
उत्तर-पश्चिमी महाराष्ट्र में वन्यजीवों के लिए कुछ पारिस्थितिक हॉटस्पॉट को शामिल किया गया है. इसमें संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (एसजीएनपी) और तुंगारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य (टीडब्ल्यूएस) शामिल होंगे. यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं कि इस परियोजना के कारण क्षेत्र की पारिस्थितिकी ढाचे पर कोई प्रभाव न पड़े.
मुंबई से निकटता के कारण इस क्षेत्र में रेलवे लाइनों और राजमार्गों सहित अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाएं भी आ रही हैं. निर्माण प्रगति में भू-तकनीकी जांच का लगभग पूरा होना शामिल हैं. पर्वतीय सुरंगों पर काम शुरू होना और घाट के काम के लिए लगभग 265 खुली नींव (लगभग 11 किमी) का पूरा होना भी शामिल है. बोइसर और विरार स्टेशनों पर फाउंडेशन का काम भी शुरू हो गया है.
कम होगी यात्रा कि दूरी
जैसे-जैसे इस महत्वपूर्ण खंड का निर्माण आगे बढ़ रहा है. यह मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को क्षेत्र में यात्रा में बदलाव लाने के एक कदम और करीब लाता जा रहा है. जटिल इंजीनियरिंग चुनौतियों पर काबू पाने और घनी आबादी वाले क्षेत्रों और संरक्षित वन्यजीव अभयारण्यों के माध्यम से नेविगेट करने के बाद यह खंड एक बार पूरा हो जाने पर यात्रा के समय को काफी कम कर देगा. क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा और देश के लिए परिवहन के एक नए युग की शुरूआत करेगा.
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