देश – क्या है 'मोल्टेन थरमाइट', यूक्रेनी ड्रोन क्यों करा रहे इसकी बारिश; 4000 डिग्री ताप पैदा करने का क्या है घातक प्लान – #INA

रूस-यूक्रेन के बीच पिछले ढाई साल से जंग जारी है। दोनों तरफ से तरह-तरह के हथियारों और केमिकल का इस्तेमाल इस युद्ध में किया जा रहा है ताकि दुश्मन देश को अधिक से अधिक नुकसान हो सके। इस बीच, यूक्रेन ने हाल के दिनों में रूस पर कई घातक हमले किए हैं। इन्हीं में एक नए तरह के हमले भी देखे गए हैं, जिसमें यूक्रेन ने ड्रोन से रूसी इलाकों में मोल्टेन थरमाइट का छिड़काव किया है। सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में दिखाया गया है कि एक यूक्रेनी ड्रोन रूसी ठिकानों पर ज्वलनशील पदार्थ की बौछार कर रहा है। यूक्रेनी मीडिया में भी इसका दावा किया गया है।

रूस-यूक्रेन युद्ध का अपडेट पोस्ट करने वाले कई यूक्रेनी टेलीग्राम अकाउंट पर ऐसे फुटेज पोस्ट किए गए हैं। उन फुटेज को OSINT टेक्निकल नाम के एक यूजर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर करते हुए कहा, “पूर्वी यूक्रेन में एक यूक्रेनी ड्रोन ने रूस के कब्जे वाले पेड़ों पर पिघला हुआ थर्माइट गिराया है, जिससे उसमें आग लग गई।” फुटेज में भी साफ तौर पर देखा जा सकता है कि पेड़ों पर एक ड्रोन ज्वलनशील पदार्थ गिरा रहा है, जिससे वहां आग लग गई है। यूक्रेनी मीडिया में दावा किया गया है कि यह ज्वलनशील पदार्थ मोल्टेन थर्माइट है। हालांकि ये वीडियो कब का है, इसका खुलासा नहीं किया गया है।

क्या होता है ‘मोल्टेन थर्माइट’?

साइंस चैनल के अनुसार, थर्माइट एल्युमिनियम और फेरिक ऑक्साइड (जंग) का मिश्रण पाउडर होता है, जो प्रतिक्रिया करने पर एल्यूमिना और पिघला हुआ लोहा उत्पन्न करते हैं। यानी यह पदार्थ जलने पर 4,400 डिग्री फ़ारेनहाइट से ज़्यादा का तापमान उत्सर्जित करता है। यह तापमान पिघले हुए लावा से दोगुना गर्म होता है। इसका इस्तेमाल किसी भी क्षेत्र में उच्च तापमान उत्पन्न करने और वहां सब कुछ पिघलाने या राख करने के लिए किया जाता है। युद्ध के मैदान में आमतौर पर इसका इस्तेमाल संपूर्ण विनाश के लिए किया जाता है

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इसका उपयोग आग लगाने वाले बमों में, धातुओं को उनके ऑक्साइड से कम करने में और लोहे और स्टील की वेल्डिंग और ढलाई के काम में किया जाता है। पाउडर में एल्युमिनियम और लोहे जैसी धातु का ऑक्साइड होता है। जब इसे जलाया या गर्म किया जाता है, तब ऑक्सीजन के ऑक्साइड के साथ एल्युमिनियम का केमिकल कॉम्बिनेशन होता है, जिसके परिणामस्वरूप बहुत अधिक मात्रा में तापमान उत्पन्न होता है। यूक्रेनी मिलिट्री सेंटर की रिपोर्ट है कि मोल्टेन थर्माइट सैन्य वाहनों के सुरक्षा कवच को भी जलाने में सक्षम है।

यूक्रेन की अग्नि वर्षा का क्या प्लान?

एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेनी सेना ने मोल्टेड थर्माइट से लैस पेलोड के साथ रेट्रोफिटेड ड्रोनों की तैनाती शुरू कर दी है। यूक्रेन की सेना मानव रहित वाहनों (यूएवी – ड्रोनों) के अपने घातक बेड़े को और अधिक प्रभावी और शक्तिशाली बनाने के लिए उसे “फ्लेमेथ्रोवर” हथियारों में बदल रही है। ताकि रूसी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अग्नि युद्ध छेड़ा जा सके। इस रणनीति को यूक्रेन रूस के खिलाफ युद्ध में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक प्रगति के रूप में देखा रहा है। कीव इनका इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर रूसी ठिकानों पर हमला करने में सक्षम बन गया है। यूक्रेन खासकर पूर्वी इलाकों के घने जंगलों वाले क्षेत्रों में मोल्टेन थर्माइट का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका इस्तेमाल दुश्मन सेना अक्सर सुरक्षित ठिकाने और एक ढाव के रूप में करती रही है। यानी जहां रूसी सैनिक छिपे हैं, वहां यूक्रेन मौत की बारिश करना चाह रहा है।

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