देश- नेमप्लेट पर नहीं लिया गया फैसला…विवाद बढ़ने के बाद क्या बोली कांग्रेस?- #NA
विक्रमादित्य सिंह और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू
उत्तर प्रदेश के बाद अब हिमाचल प्रदेश में नेम प्लेट विवाद दिखाई दे रहा है. हिमाचल प्रदेश में बुधवार को मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट किया और कहा, रेहड़ी-पटरी, ढाबा-रेस्टोरेंट मालिकों को दुकान में आईडी लगाना अनिवार्य है. उनके इस पोस्ट के बाद से ही राज्य में विवाद खड़ा हो गया और जिस पार्टी (कांग्रेस) ने बीजेपी का नेम प्लेट विवाद पर जमकर विरोध किया था अब उसी पार्टी के नेता हिमाचल प्रदेश में रेहड़ी-पटरी, ढाबा वालों की आईडी लगाने का आदेश दे रहे हैं.
मंत्री के इस आदेश के बाद अब पार्टी इस फैसले पर कदम पीछे लेती दिखाई दे रही है. सुक्खू सरकार के प्रवक्ता ने कहा, इस संवेदनशील मुद्दे पर अभी तक कोई फाइनल फैसला नहीं लिया गया है. प्रवक्ता ने आगे कहा, नेम प्लेट को लेकर कई वर्गों से कई सुझाव प्राप्त हुए हैं, अब तक, सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है.
सरकार का क्या है निर्णय?
सरकार से जुड़े दो लोगों ने जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश के इनचार्ज राजीव शुक्ला को इस विवाद को हल करने के लिए सीएम सुखविंदर सुक्खू और मंत्री विक्रमादित्य सिंह से बात करनी होगी. बाद में, पार्टी इनचार्ज राजीव शुक्ला ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने जो समिति गठित की थी उस समिति ने विक्रेताओं को लाइसेंस देकर उन्हें विनियमित करने की मांग की है.
शुक्ला ने जोर देकर कहा कि विक्रेताओं को “अपना नाम प्रदर्शित करने की जरूरत नहीं है” लेकिन इस कदम का मकसद “यह सुनिश्चित करना था कि यातायात बाधित न हो, यह यूपी में दिए गए आदेश जैसा नहीं है.
विक्रमादित्य सिंह ने क्या आदेश दिया?
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सिंह के इस कदम से पार्टी आलाकमान हैरान है. सुक्खू सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा, हिमाचल में रेड़ीधारको के भोजनालय और फास्टफूड रेड़ी पर मालिक की ID लगाई जाएगी, जिससे लोगों को किसी भी तरीके की परेशानी का सामना न करना पड़े. उन्होंने आगे कहा, नेम प्लेट फैसले के लिए पिछलें कल ही URBAN DEVELOPMENT & MUNCIPAL CORPORATION की बैठक में निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link