देश – हसन नसरल्लाह के खून का बदला; आगे क्या करेंगे हिजबुल्लाह और ईरान, कितना तैयार इजरायल – #INA
Hassan Nasrallah assassination: हिजबुल्लाह में सबसे लंबे समय तक प्रमुख रहे सैयद हसन नसरल्लाह की हत्या हो गई है। इजरायल ने खुफिया जानकारी मिलने के बाद लेबनान में हिजबुल्लाह के कमांड मुख्यालय को उड़ा दिया। इस हमले में नसरल्लाह के साथ उनकी बेटी और कई हिजबुल्लाह कमांडर मारे गए। नसरल्लाह के खात्मे ने जितनी चोट हिजबुल्लाह को दी है, उतना ही बड़ा आघात ईरान के लिए भी है। नसरल्लाह के खात्मे से हालात और बिगड़ने की पूरी आशंका है। ईरान, जो अभी तक हमास चीफ इस्माइल हानियेह के कत्ल का बदला भी नहीं ले सका था, उसके लिए अब नसरल्लाह के खात्मे का बदला लेने की चुनौती है। सवाल यह है कि अब हिजबुल्लाह और ईरान का अगला कदम क्या हो सकता है? इसके अलावा इजरायल कितना तैयार है?
लेबनान में घुसकर एक बार फिर इजरायल ने हमला किया और इस बार आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह का कत्ल कर दिया। हिजबुल्लाह के खिलाफ लड़ाई में इजरायल के लिए यह अब तक की बड़ी कामयाबी है। 2006 से नसरल्लाह इजरायली हमले के डर से छिपा हुआ था। वह कभी सार्वजनिक रूप से नहीं दिखे। सिर्फ वीडियो के जरिए अपने लोगों के बीच संदेश देते रहे। नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान और यमन, सीरिया और हिजबुल्लाह तिलमिलाए हुए हैं, लेकिन उन्हें इजरायल के अगले कदम का डर भी बना हुआ है। सुरक्षा कारणों से ईरान ने अपने सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई को बंकर में छिपा दिया है। सूत्रों का कहना है कि इजरायली हमले के डर से यह कदम उठाया गया है।
हिजबुल्लाह क्या कर सकता है
हिज़्बुल्लाह एक के बाद एक इजरायली हमलों से जूझ रहा है। इजरायली सेना इसके कमांड ढांचे को ध्वस्त कर चुकी है। हफ्तेभर में एक दर्जन से अधिक शीर्ष कमांडरों की हत्या कर दी गई है । पेजर और वॉकी-टॉकी के धमाके ने कई हिजबुल्लाह कमांडरों को अपंग बना दिया है। वहीं, हवाई हमलों में हिजबुल्लाह के कई हथियार नष्ट कर दिए हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका स्थित मध्य पूर्व सुरक्षा विश्लेषक मोहम्मद अल-बशा का कहना है, “हसन नसरल्लाह की मौत के महत्वपूर्ण परिणाम होंगे। इससे समूह में अस्थिरता पैदा हो सकती है और इसके राजनीतिक और सैन्य रणनीतियों में बदलाव आ सकता है।”
लेकिन यह उम्मीद करना कि यह कट्टर इजरायल विरोधी संगठन अचानक हार मान लेगा और इजरायल की शर्तों पर शांति अपनाएगा। हिजबुल्लाह ने नसरल्लाह की मौत के बाद बयान में कहा कि इजरायल के खिलाफ उसकी जंग जारी रहेगी। हिजबुल्लाह ने लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है। उसके पास अभी भी हजारों लड़ाके हैं, जिनमें से कई सीरिया में युद्ध के अनुभवी हैं और वे बदला लेने के लिए तिलमिलाए हुए हैं।
हिजबुल्लाह के पास हथियारों का जखीरा
हिजबुल्लाह के पास अभी भी मिसाइलों का एक बड़ा जखीरा है, जिनमें से कई लंबी दूरी के हथियार हैं जो तेल अवीव और अन्य शहरों को तबाह कर सकते हैं। संभावना है कि हिजबुल्लाह जल्द ही इनका इस्तेमाल कर सकता है। हिजबुल्लाह को यह भी डर है कि अगर उसने अभी इनका इस्तेमाल नहीं किया तो इजरायली सेना इन्हें भी नष्ट कर सकती है। यदि वे सामूहिक हमला करते हैं, जिससे इजरायल की हवाई सुरक्षा ध्वस्त हो जाती है और नागरिक मारे जाते हैं, तो इजरायल काउंटर अटैक में लेबनान को दूसरा गाजा बनाने से गुरेज नहीं करेगा। लेबनान में की जा रही तबाही ईरान तक पहुंच सकती है।
ईरान के संभावित कदम
नसरल्लाह की हत्या ईरान के लिए उतनी ही बड़ी चोट है, जितनी हिजबुल्लाह के लिए। ईरान पहले ही पांच दिन के शोक की घोषणा कर चुका है। साथ ही उसने अलर्ट भी जारी किया है। अपने नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को बंकर में छिपा दिया है। इससे पहले जुलाई में तेहरान के एक गेस्टहाउस में हमास नेता इस्माइल हनीया की अपमानजनक हत्या अभी भी ईरान के जेहन में है, क्योंकि वह अभी तक इजरायल से इसका बदला नहीं ले पाई है। अब जो कुछ हुआ है, उससे ईरान के विनाशकारी कदम की संभावना बढ़ गई है।
ईरान के पास मध्य पूर्व में मित्र राष्ट्रों के भारी हथियारों से लैस मिलिशियाओं का एक पूरा समूह है। हिजबुल्लाह के अलावा यमन में हूती और सीरिया और इराक में कई चरमपंथी समूह भी मौजूद हैं। ईरान इन समूहों के जरिए इजरायल और अमेरिकी ठिकानों पर हमलों का आदेश दे सकता है।
इजराइल कितना तैयार
इजराइल की सेना का मानना है कि अब हिजबुल्लाह उसके पीछे पड़ जाएगा, इसलिए वह तब तक अपना आक्रमण जारी रखना चाहेगी जब तक कि आतंकियों के मिसाइलों का खतरा दूर नहीं हो जाता। हिजबुल्लाह के आत्मसमर्पण के अलावा इजरायल लेबनान में जमीनी हमले को जल्द शुरू कर सकता है। इजरायली रक्षा बलों ने हाल ही में सीमा के पास अपने सैनिकों की पैदल टुकड़ियों के प्रशिक्षण फुटेज जारी किए थे। सूत्रों का कहना है कि हिजबुल्लाह को तगड़ा नुकसान करने के बाद इजरायली सेना के लिए लेबनान में घुसना गाजा जितना मुश्किल नहीं होगा। हमास के खिलाफ जमीनी ऑपरेशन शुरू करने के लिए इजरायल को महीनों लग गए थे।
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