जातिगत समीकरण में उलझी गुरुग्राम सीट, बीजेपी-कांग्रेस सहित बागी प्रत्याशी भर रहे जीत का दंभ #INA
Haryana Election: वैसे तो हर चुनाव में जातिगत समीकरण साधे जाते हैं और जाति के आधार पर ही हार-जीत तय होती है. प्रदेश के विधानसभा चुनाव में गुरुग्राम सीट इस समय सबसे हॉट बनी हुई है.यहां पर बीजेपी ने पहली बार ब्राह्मण चेहरा उतारकर नया प्रयोग किया है. वहीं कांग्रेस ने भी जातिगत समीकरण देखते हुए ही गुरूग्राम से चुनाव मैदान में उतारा है. लेकिन दोनों की प्रत्याशियों के लिए निर्दलीय चुनाव मैदान नवीन गोयल मुश्किलें खड़ी कर रहा है. अंदर की खबरें तो यहां तक आ रही हैं कि वैश्य समाज अब बीजेपी से बागी हो सकता है. इसलिए सीट के समीकरण त्रिकोणीय हो गए हैं. अब देखना है कि किसके सिर जीत का सेहरा सजेगा.
क्या है जातीय समीकरण ?
प्रदेश में 32 परसेंट पंजाबी वोट हैं और यह वोट बैंक अब बीजेपी से दूर होता दिख रहा है. हाल में हुए लोकसभा चुनाव में पंजाबी वोट बैंक बीजेपी के हाथ से निकल गया था और इसी के चलते बीजेपी 10 में से 5 सीट ही जीत पाई थी. गुरुग्राम में पिछले दो चुनाव व 10 साल से वैश्य विधायक बने हैं और इस बार टिकट के प्रबल दावेदार नवीन गोयल थे. लेकिन बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया था. अब वे निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी ने मुकेश शर्मा को को टिकट दिया है.
पंजाबी, दलित व मुस्लिम हुए एकजुट
बीजेपी के बड़े दलित नेता सुमेर सिंह तंवर ने बीजेपी छोड़ने के बाद दलित वोट बैंक को नवीन गोयल के पक्ष में करने का अभियान शुरू कर रखा है.वहीं कई मुस्लिम संस्थाओं सहित कई दूसरे समाज व वर्ग ने नवीन गोयल को आशीष देकर इस बार चंडीगढ़ भेजने का मन बना लिया है. बीजेपी से बागी हुए निर्दलीय प्रत्याशी ने चुनाव जीतने के लिए एडी-चोटी का जोर लगाया हुआ है. वहीं अन्य पार्टियों ने भी गुरूग्राम सीट पर डेरा डाला है. कांग्रेस ने भले ही गुरुग्राम सीट के सबसे अधिक वोटर वाले पंजाबी समाज के चेहरे को मैदान में उतारा है लेकिन 2019 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहने वाले मोहित ग्रोवर इसके बाद लोगों से दूर हो गए थे.
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