देश- Baba Siddique Murder: मुंबई सबको मौका देती है… बिहार के मांझा से महाराष्ट्र के सियासी बाबा कैसे बने थे सिद्दीकी?- #NA

बाबा सिद्दीकी

मुंबई मौका सबको देती है…सत्या फिल्म के इस मशहूर डायलॉग को बाबा सिद्दीकी ने सही कर दिखाया. बिहार के गोपालगंज के मांझा में जन्मे बाबा जब पहली बार 1964 में मुंबई आए थे, तो अपने घड़ी ठीक करने वाले पिता के साथ वांद्रा के एक खोली में रहते थे. 60 साल बाद बाबा सिद्दीकी जब इस दुनिया से गए हैं, तो पूरा वांद्रा सन्नाटे में है. मुंबई और महाराष्ट्र में राजकीय शोक की घोषणा की गई है.

बाबा इसी वांद्रा से 3 बार विधायक रहे. विधायक रहने के दौरान ही उन्हें महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बनाया गया.

गोपालगंज के मांझा से मुंबई आए थे सिद्दीकी

बाबा सिद्दीकी का जन्म बिहार के गोपालगंज जिले के मांझा के शेखपुरा टोला में हुआ था. 6 साल की उम्र में बाबा अपने पिता के साथ मु्ंबई आ गए थे. बाबा के पिता मुंबई में घड़ी बनाने का काम करते थे. बाबा की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई मुंबई में ही हुई. उन्होंने एमएमके कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. इसी दौरान बाबा छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे.

मांझा से मुंबई के बाबा कैसे बन गए सिद्दीकी?

6 साल की उम्र में मांझा से मुंबई आने वाले बाबा सिद्दीकी जब विदा हुए हैं, तो पूरा मुंबई खामोश है. राजनीतिक में आने से पहले बाबा सिद्दीकी फिल्म में जाना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने शुरुआत के कुछ साल फिल्म से जुड़े लोगों के साथ काम भी किया.

कहा जाता है कि यहां बाबा का अच्छा-खासा कनेक्शन बन गया. बाबा इसके बाद मुंबईया ही हो गया. बाबा ने यहीं पर नाम और शोहरत कमाई.

यह भी पढ़ें- कार से 3 लोग उतरे और बाबा सिद्दीकी पर बरसाई गोली जानें कैसे हुई वारदात

बाबा के कई दोस्त बाद के सालों में सुपरस्टार बने. बाबा ने इन्हीं नेटवर्क के जरिए वांद्रा इलाके में अपनी पकड़ मजबूत की. वांद्रा इलाके में उत्तर भारतीय मुसलमानों की तादाद काफी ज्यादा है.

1995 में वांद्रा सीट पर कांग्रेस के सलीम जकारिया चुनाव हार गए. 1999 में जब विलासराव देशमुख ने कांग्रेस की बागडोर संभाली तो उन्होंने वांद्रा से सलीम की जगह बाबा सिद्दीकी को टिकट दिया.

सुनील दत्त के संपर्क में आए और खुल गई किस्मत

कहा जाता है कि बाबा सिद्दीकी को पहली बार टिकट देने और दिलाने में कांग्रेस नेता सुनील दत्त का बड़ा रोल था. कहा जाता है कि सुनील के कहने पर ही विलासराव देशमुख ने बाबा को टिकट दिलवाए थे. ऐसे में बाबा की लॉटरी लग गई. वांद्रा में टिकट मिलने के बाद बाबा ने अपने सारे घोड़े खोल दिए.

1999 में बाबा को जीत मिली और वे पहली बार विधायक चुने गए. बाबा इसके बाद लगातार तीन बार विधायक रहे. उन्हें महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी बनाया गया.

विधायक और मंत्री बनने के बाद बाबा की साख में बढ़ोतरी हुई. उनके घर बड़े-बड़े सुपरस्टार आने लगे. बाबा सिद्दीकी हर साल रमजान में इफ्तारी देने लगे, जिसमें शाहरूख और सलमान जैसे सुपरस्टार के आने की खबरें मीडिया में सुर्खियां बनी.

2014 में हार के बाद गर्दिश में सितारे

2014 में बाबा सिद्दीकी को वांद्रा वेस्ट सीट से बीजेपी के आशीष शेलार ने पटखनी दे दी. सिद्दीकी 2019 में भी इस सीट से दोबारा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने टिकट देने से इनकार कर दिया. सिद्दीकी को संगठन में भेज दिया गया.

हालांकि, कांग्रेस ने बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान को विधायकी का टिकट जरूर दिया. जीशान 2019 में कांग्रेस के टिकट पर वांद्रा ईस्ट से जीतने में भी कामयाब रहे. जीशान मुंबई युथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

यह भी पढ़ें- मुंबई में NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या, बदमाशों ने सीने और पेट में मारी गोली; दो आरोपी गिरफ्तार

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सिद्दीकी मुंबई की नॉर्थ सीट से लोकसभा लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. सिद्दीकी इसके बाद एनसीपी (अजित) में चले गए. शुक्रवार को सिद्दीकी अजित पवार के साथ एक मंच पर नजर आए थे.

25 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति छोड़ गए बाबा

बाबा सिद्दीकी के पास 25 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति थी. यह जानकारी उन्होंने अपने चुनाव से जुड़े एफिडेविट में दी थी. 2014 में बाबा आखिरी बार चुनाव लड़े थे. 2019 में उनके बेटे जीशान ने बताया था कि उनके पास 8 करोड़ की संपत्ति है.

2018 में बाबा सिद्दीकी पर प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की थी और उनसे जुड़ी 462 करोड़ की एक प्रॉपटी जब्त कर ली थी.

Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

यह पोस्ट सबसे पहले टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम पर प्रकाशित हुआ , हमने टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम के सोंजन्य से आरएसएस फीड से इसको रिपब्लिश करा है, साथ में टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम का सोर्स लिंक दिया जा रहा है आप चाहें तो सोर्स लिंक से भी आर्टिकल पढ़ सकतें हैं
The post appeared first on टीवी नाइन हिंदी डॉट कॉम Source link

Back to top button