अहमदाबाद में ईरानी गैंग का पर्दाफाश, 2 सदस्य गिरफ्तार, गुजरात, महाराष्ट्र समेत यूपी तक करते थे वारदात #INA

गुजरात की अहमदाबाद रूरल पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. यहां ईरानी गैंग के दो सदस्यों को धर दबोचा है. आरोप है कि दोनों सदस्य नकली पुलिस बनकर लोगों से ठगी करते थे. पकड़े गए सभी आरोपियों के खिलाफ गुजरात में 20 और देशभर में 47 केस दर्ज हैं.  

दरअसल, विरमगाम पुलिस व्हीकल चेकिंग में व्यस्थ थी कि इस बीच बगैर नंबर प्लेट की चोरी की मोटरसाइकिल दिखाई दी. पुलिस ने बाइक पर सवार मुस्तफा जाफरी और शख़ी जाफरी को रोक पूछताछ शुरू की. इस दौरान दोनों आरोपियों की के पास से पुलिस का नकली आई कार्ड जब्त किया. इसके बाद पुलिस ने मुस्तफा जाफरी और शख़ी जाफरी को हिरासत में ले लिया. थाने के अंदर जब सख्ती दिखाई तो उन्होंने जो बताया उसे सुनकर पुलिस के भी होश उड़ गए. आरोपियों ने पुलिस से कहा कि दोनों (मुस्तफा जाफरी और शख़ी जाफरी) ईरानी गिरोह में शामिल हैं.

महाराष्ट्र के रहने वाले हैं दोनों ठग

इधर, अहमदाबाद रूरल की डीएसपी नीलम गोस्वामी ने बताया कि दोनों के खिलाफ अहमदाबाद रूरल के विरमगाम,सानंद और बावला पुलिस थाने में 1-1 मामला दर्ज है. पकड़े गए ईरानी गैंग के दोनों सदस्य अपनी पहचान एक पुलिस कर्मचारी के रूप में बताते हैं. फिर लोगों को झांसे में लेकर धोखाधड़ी करते हैं. दोनों मूल रूप से महाराष्ट्र के निवासी हैं. 

 महाराष्ट्र और यूपी में कर चुके हैं ठगी

डीएसपी नीलम गोस्वामी ने बताया कि दोनों आरोपियों ने न सिर्फ अहमदाबाद बल्कि पूरे गुजरात में धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया है. इनके खिलाफ राज्य में 20 केस दर्ज हैं. इतना ही नहीं गुजरात के अलावा महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश भी इनसे नहीं बचा. यहां 26 और यूपी में 1 मामला दर्ज है.  ईरानी गैंग के दोनों सदस्य कबूल कर चुके हैं कि उन्होंने गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में कुल मिलाकर 100 से ज़्यादा वारदातों को अंजाम दिया है. दोनों की जड़ें महाराष्ट्र से जुड़ी हैं. 

कभी गुजरात तो कभी महाराष्ट्र रहा ठिकाना

डीएसपी ने आगे बताया कि पकड़े गए आरोपियों का ठिकाना कुछ महीने महाराष्ट्र तो कुछ समय गुजरात में रहता था. दोनों ट्रेन और लोकल ट्रांसपोर्ट के माध्यम से ट्रैवल करते थे. ऐसे लोगों को निशाना बनाया जाता था जो लोग बैंक में किसी प्रकार की लेन-देन के लिए आया-जाया करते थे. ठग उनकी रेकी करते थे और उन्हें पुलिस के नाम पर रोकते और उनकी चेकिंग करते थे. 

नेटवर्क को लेकर हो रही पूछताछ

डीएसपी नीलम ने कहा कि दोनों ठग लोगों को रुपये इन्वेस्ट करने की तरकीब बताते थे. अगर इससे भी काम नहीं बनता तो बैंक के काम में मदद करने का कहकर ठगी का शिकार बनाते थे. अगर साथ में महिला होती तो उनके गहने तक लूट लेते थे. फिलहाल, दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अब इनके साथ जुड़े हुए ईरानी गैंग के अन्य सदस्य और नेटवर्क के बारे में पुलिस जानकारी जुटाने में लगी है. 


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