देश- UP: इन छात्राओं को बनाया गया एक दिन का प्रिंसिपल, जानें क्या है मामला- #NA
छात्राओं को बनाया गया प्रिंसिपल
इंटर में पढ़ने वाली छात्रा क्या किसी कॉलेज की प्रधानाचार्य बन सकती हैं शायद आप कहेंगे कि नहीं, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से चलाए जा रहे मिशन शक्ति 5.0 के तहत यह संभव हो पाया है. गाजीपुर में एक कक्षा 12 की छात्रा संजना को एक दिन के लिए प्रधानाचार्य बनाया गया. वही राजलक्ष्मी तिवारी को उप प्रधानाचार्य का दायित्व सौंपा गया. इस दौरान दोनों कोविद्यालय में चलने वाले सभी शिक्षण कार्यों के साथ ही कार्यालय के कार्यों के बारे में जानकारी दी गई. ऐसे में उन्हें बताया गया कि विद्यालय में किस तरह से शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और अनुशासन को लेकर प्रयास किया जाता है.
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा महिलाओं के सम्मान और उनकी सुरक्षा को लेकर मिशन शक्ति 5.0चल रहा है. मिशन के तहत महिलाओं और खासकर लड़कियों को सम्मान देने और उनके अधिकार के बारे में जानकारी दी जा रही है. इसके अलावा कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राएं जो पढ़ाई को लेकर जागरूक है और अपने जीवन का एक लक्ष्य बनाकर पढ़ाई कर रही हैं उन्हेंमिशन शक्ति 5.0 के तहत एक दिन के लिए प्रशासनिक अधिकारी बनाकर उस पद के बारे में जानकारी दी जा रही है. इस पहल से वह आगे अपने लक्ष्य के प्रति जागरूक हो पाएंगी और उन्हें पहले से पता हो कि जिस लक्ष्य की ओर वह चल रही है उसमें क्या-क्या कठिनाइयां आती हैं. साथ ही कैसे उसका निस्तारण किया जाता है.
माला पहनाकर किया स्वागत
गाजिपुर के नगसर स्थित जगजीवन राम इंटरकालेज में शुक्रवार को महिला शक्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गगरन गांव निवासी कक्षा 12 की छात्रा संजना को प्रधानाचार्य और नूरपुर की 12 छात्रा राजलक्ष्मी तिवारी को एक दिन का उप प्रधानाचार्य बनाया गया. इस पद पर दोनों छात्राओं ने बैठकर अपना पदभार संभाला, जिसके बाद विद्यालय प्रशासन ने 1 दिन के प्रधानाचार्य और उप प्रधानाचार्य का माला पहनकर उनका स्वागत भी किया.
हर रूप में नारी को जाता है पूजा
कॉलेज के प्रधानाचार्य हरिशंकर राम ने बताया कि हमारे समाज में नारी के हर रूप को देवी के रूप में पूजा जाता है. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य छात्राओं में उनका मनोबल बढ़ाने और समाज में उसके प्रति लोगों को समाज में महिला शक्ति को बढावा देना है. ऐसे में आज आप कही भी देखा जाए उधर महिला शक्ति नजर आ रही है चाहे वह प्रशासनिक अधिकारी हो या फिर निजी क्षेत्र में काम करने वाली कर्मयोगी नारी.
क्या है मिशन शक्ति .5 योजना?
उत्तर प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति 5.0 योजना के तहत इस तरह स्कूली छात्राओं को सम्मान देने का काम सबसे पहले खुद जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने शुरू किया. आर्यका ने एक दिन के लिए एक छात्रा को डीएम बनाया और उस दिन उस छात्रा ने डीएम के रूप में जनता दर्शन के कार्यों का निपटारा किया था. वहीं बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की तरफ से भी एक छात्रा को सम्मान देते हुए एक दिन का जिला कार्यक्रम अधिकारी बनाया गया था.
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