देश – स्वाति मालीवाल मामले में आरोपी विभव कुमार की पुलिस रिमांड खत्म, कोर्ट ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा- #INA
तीस हजारी कोर्ट ने विभव कुमार को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने स्वाति मालीवाल केस में आरोपी विभव कुमार को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. दिल्ली पुलिस ने स्वाति मालीवाल मामले में आरोपी में को विभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया था. न्यायिक हिरासत में भेजे जाने से पहले विभव कुमार दिल्ली पुलिस की हिरासत में थे. इससे पहले 28 मई को कोर्ट ने विभव कुमार को तीन और दिनों के लिए पुलिस की कस्टडी में भेजा था. पुलिस ने 5 दिन की हिरासत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने तीन दिन ही दिया था.
विभव कुमार को दिल्ली हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. शुक्रवार को विभव कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. हाई कोर्ट ने विभव कुमार की याचिका को एमपी-एमएलए कोर्ट के पास भेज दिया है. जहां, जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की बेंच विभव कुमार की याचिका पर सुनवाई कर सकती है.
विभव कुमार ने विभागीय जांच की मांग की थी
याचिका में विभव कुमार ने गिरफ्तार को चुनौती दी थी. याचिका में विभव की ओर से दलील दी गई थी कि उन्हें जबरदस्ती पुलिस कस्टडी में रखा गया था. इसके साथ ही जबरदस्ती कस्टडी में रखने का मुआवजा भी मिले और पुलिस वालों के खिलाफ विभागीय जांच की मांग की थी.
पुलिस ने मुख्यमंत्री के आवास को बताया था सेंसेटिव
पिछली सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील अतुल श्रीवास्तव ने दलील दी थी कि सुरक्षा के लिहाज से मुख्यमंत्री का आवास बहुत सेंसेटिव होता है और अगर वहां कुछ हुआ तो उनकी तरफ से 112 नंबर पर फोन क्यों नहीं किया गया. वकील ने कहा था कि विभव को पद से हटाने के बाद भी लोग मिलने के लिए उन्हें कॉल करते हैं, इसलिए स्वाति मालीवाल ने भी उनको कॉल किया था.
पुलिस ने दी थी यह दलील
पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि घटना के दिन केवल स्वाति मालीवाल ने ही 112 पर कॉल किया था, उनके अलावा किसी ने भी मुख्यमंत्री आवास से कोई कॉल नहीं की गई. स्वाति मालीवाल संसद की मौजूदा सदस्य हैं, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रही हैं, पार्टी चीफ ने उन्हें लेडी सिंघम भी कहा था. पार्टी के मुखिया से मिलने के लिए क्या विभव की इजाजत की जरूरत थी?
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