देश – ‘मेरा स्कूल छूटा, दोस्त छूटे…’, मम्मी-पापा का झगड़ा कोर्ट तक पहुंचा, बच्चे ने किसे चुना?- #INA

प्रतीकात्मक तस्वीर.

पति-पत्नी के बीच अक्सर छोटी-मोटी बातों को लेकर कहासुनी होती रहती है. ये रिश्ता ही कुछ ऐसा होता है. ये कहावत को आपने सुनी ही होगी कि घर में दो बर्तन होंगे तो टकराएंगे जरूर. लेकिन अगर पति-पत्नी के बीच रोज झगड़े होते रहें को इसका असर उनके बच्चों पर भी कहीं न कहीं जरूर पड़ता है. हम ऐसे कई मामले देखते और सुनते आए हैं, जहां मां-बात के झगड़ों के कारण बच्चों में देखने को मिला हो. ऐसा ही एक मामला दिल्ली से भी सामने आया है.

यहां मम्मी-पापा के रोज-रोज के झगड़ों का उसके दिमाग पर कुछ ऐसा असर हुआ कि 13 साल का बच्चा जिंदगी के दोराहे पर खड़ा हो गया. मां-बाप के झगड़ों से आजिज आकर बच्चे ने दिल्ली हाईकोर्ट के सामने अपने पिता के साथ रहने की इच्छा जताई. हाईकोर्ट ने उसकी मर्जी के मुताबिक रहने की इजाजत दे दी.

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने बच्चे के मानसिक व शारीरिक विकास को तरजीह दी है. पीठ ने कहा कि यदि माता-पिता मनोस्थिति को नहीं समझ रहे हैं तो यह बच्चे के हित में रहेगा कि उसे उस शख्स के साथ रहने की इजाजत दी जाए, जहां उसे सुकून मिल रहा है. इस मामले में मां ने अपने 13 साल के बच्चे को पिता द्वारा लेकर चले जाने का आरोप लगाते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी.

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कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बच्चे से बात की. उसने बताया कि माता-पिता के बीच रोज झगड़ा होता है, जिससे वह तंग आ गया है. 20 मई को दोनों के बीच कलह बढ़ी तो पुलिस को बुलाया गया. इसके बाद जज ने उससे पूछा कि वह किसके साथ रहना चाहता है. बच्चे ने तब मां की जगह अपने पिता को चुना. इसके बाद पिता उसे लेकर फरीदाबाद रिश्तेदार के यहां चले गए.

‘स्कूल और दोस्तों को मिस करता हूं’

दिल्ली के स्कूल से उसका नाम कटवाकर अब फरीदाबाद में दाखिला दिला दिया है. बच्चे ने पीठ के समक्ष कहा कि वह सिर्फ इस बात से दुखी है कि उसका पहला स्कूल छूट गया है. वह अपने टीचर्स और दोस्तों की कमी महसूस करता है. इस पर पिता ने पीठ को आश्वासन दिया कि वह जल्द ही उसके पुराने स्कूल में उसे दाखिला दिला देगा. अपना घर भी बदल लेगा और स्कूल के आसपास रहने लगेगा.

मां भी मिल सकती है बेटे से

माता-पिता के बीच यह भी सहमति बनी है कि महीने में दो बार, किसी छुट्टी या रविवार को, बच्चा अपनी मां से मिलने जा सकता है. नाना-नानी के साथ भी रह सकता है. यह व्यवस्था पिता और बच्चे दोनों को स्वीकार्य है. इसके अलावा अगर मां अपने बेटे को घुमाने ले जाना चाहती है तो वह बच्चे के पिता को बताएगी, ताकि उसे पता चल सके कि वह बेटे को कहां ले जा रही है. उस समय पिता पास के क्षेत्र में रह सकता है.

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