मनीष सिसोदिया क्या दिल्ली के CM बनेंगे:संजय सिंह ने दिया जवाब; कहा-एक साल से ज्यादा नहीं चलेगी मोदी सरकार
जेल से छूटने के बाद मनीष सिसोदिया एक्टिव हैं। दिल्ली सरकार में उनकी क्या भूमिका होगी? क्या वे दिल्ली के सीएम बनेंगे? इस वक्त यह सवाल चर्चा में हैं। दैनिक भास्कर ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह से इस सवाल का जवाब पूछा। उन्होंने कहा- समय आने पर जवाब दिया जाएगा। पार्टी के लोग बैठकर यह तय करेंगे। केंद्र के वक्फ बोर्ड बिल पर उन्होंने कहा- अभी तो सिर्फ वक्फ बोर्ड का बिल लाया गया है। आने वाले दिनों में गुरुद्वारा और चर्च छीनने का भी बिल आएगा। अरविंद केजरीवाल कब तक बाहर आएंगे, इस सवाल का भी जवाब दिया।पढ़िए, पूरा इंटरव्यू… सवाल- आपको इंडी गठबंधन का क्या भविष्य लगता है?
जवाब- मैं अभी भाजपा सरकार के भविष्य को देख रहा हूं। इन लोगों के बीच जल्द आपसी फूट पैदा होगी। कई सारे विवादित मुद्दों को इन्होंने सदन के अंदर पास कराने की कोशिश फिर से शुरू कर दी। देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश शुरू कर दी। इंडी गठबंधन के दल पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हैं। जैसे ही मौका मिलेगा, वैसे ही इंडी गठबंधन की सरकार बनेगी। एक साल से ज्यादा भाजपा सरकार नहीं चलेगी, क्योंकि उनके अंदर से आवाजें उठने लगी हैं। सवाल- यूपी में उपचुनाव होने वाले हैं, कौन सी पार्टी जीतने वाली है?
जवाब- जो परफॉर्मेंस इंडी गठबंधन का लोकसभा चुनाव में रहा, उससे मुझे लगता है कि अगर वह रिपीट होता है तो निश्चित रूप से इस चुनाव में भी इंडी गठबंधन को अधिक सीट मिलेगी। सवाल- यूपी में दुष्कर्म की 2 घटनाएं हुईं। सपा नेताओं पर आरोप लगे। कैसे देखते हैं इसे?
जवाब- देखिए, किस पार्टी का नेता है, वह महत्वपूर्ण नहीं। अहम यह है कि आपका कानून क्या कहता है? अगर कोई घटना लखनऊ के अंदर होती है, उसमें जाति और धर्म को इंगित कर सिर्फ 2 लोगों का नाम लिया जाए तो आपकी कार्रवाई पर सवाल उठेंगे। मैं तो कहता हूं कि किसी भी पार्टी से जुड़ा हो, अगर अपराध कर रहा है तो सख्त कार्रवाई कीजिए। सवाल- हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर भाजपा का कहना है कि शेयर मार्केट क्रैश करने के लिए साजिश की जा रही?
जवाब- मैं बड़ा हैरान हूं। एक आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गिरफ्तार होते हैं। भाजपा वाले खुशियां मनाते हैं। कहते हैं- यह तो होना ही चाहिए। भले ही मामला पुराना है। अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार होते हैं, तो भी जश्न मनाते हैं। अब अडाणी का मामला आया तो पूरी बीजेपी घड़ियाली आंसू बहा रही है। भाजपा के लोग अडाणी के लिए काम कर रहे हैं या इंडिया के लिए? अडाणी की दलाली कर-कर के देश को भाजपा के लोगों ने कहां पहुंचा दिया। सब कुछ अडाणी को बेचा जा रहा। किसान 50 हजार का कर्ज ले ले, तो उसे जेल भेज दिया जाता है। ढाई लाख करोड़ का कर्जा अडाणी को दिया गया। 16 लाख करोड़ रुपए इस सरकार ने अपने पूंजीपति दोस्तों का माफ किया है। सवाल- मनीष सिसोदिया जेल से बाहर आ गए। पार्टी को कितनी ताकत मिलेगी?
जवाब- निश्चित रूप से बहुत ताकत मिलेगी। पूरे दिल्ली की सभी विधानसभाओं में उनकी पद यात्रा का कार्यक्रम रखा गया है। आज से उसकी शुरुआत हो रही है। सवाल- कहा जा रहा है कि अब मनीष मुख्यमंत्री बनने वाले हैं? पार्टी की क्या रणनीति है?
जवाब- इस बारे में पार्टी के लोग मिल बैठ कर तय करेंगे। मुझे लगता है कि अभी कोई बात कहना उचित नहीं होगा। मनीष सिसोदिया एक योग्य शिक्षा मंत्री के रूप में पूरे देश और दुनिया में अपनी पहचान रखते हैं। निश्चित रूप से उन्हें बड़ी से बड़ी जिम्मेदारी पार्टी समय आने पर देगी। सही समय पर आपको इस बारे में बताया जाएगा। सवाल- आपको दिल्ली-पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों में कामयाबी नहीं मिली?
जवाब- इसकी समीक्षा हम लोगों ने की है। जहां-जहां जो कमियां रही हैं, उन्हें दूर करने की कोशिश की है। लोकसभा चुनाव के बाद जालंधर में उपचुनाव हुआ, जहां बड़े अंतर से पार्टी जीती। कई बार चुनाव में आप जमीनी हकीकत का आकलन नहीं कर पाते हैं। कहां चूक हुई, उसे हमने देखा है, उस पर काम कर रहे हैं। सवाल- क्या लगता है केजरीवाल कब तक जेल से बाहर आएंगे?
जवाब- हमें विश्वास है कि वह भी जल्द बाहर आएंगे, क्योंकि जो गिरफ्तारी हुई थी, वह बिना किसी तथ्य बिना किसी सबूत और बिना किसी प्रमाण के हुई थी। कोर्ट में सारी बातें सामने आ रही है। सवाल- वक्फ और दूसरा नजूल विधेयक को लेकर आपकी क्या राय है?
जवाब- रक्षा और रेल विभाग के बाद वक्फ बोर्ड के पास देश में तीसरी सबसे बड़ी संपत्ति है। अब इनकी नजर है। सारी जमीनों पर कब्जा करने और अपने दोस्त अडाणी और चंद मित्र को देने की। अयोध्या राम नगरी में 13000 एकड़ जमीन अडाणी को दे दी। यह सिर्फ वक्फ बोर्ड का बिल मत समझिए। अगला गुरुद्वारों पर कब्जा करने का बिल आएगा। उसके बाद चर्च की जमीनों को कब्जा करने का बिल आएगा। उसके बाद आदिवासियों की जमीनों को कब्जा करने का बिल आएगा। सवाल- पहले आप केंद्र-यूपी सरकार के खिलाफ मुखर रहते थे। कुछ मुकदमे हुए, उसके बाद आप शांत हो गए, ऐसा क्यों?
जवाब- मुकदमे, लाठी, जेल, FIR इससे हम लोग डरते नहीं हैं। किस समय कौन सा मुद्दा महत्वपूर्ण है? देश के लिए हम उसको उठाते हैं। आज की तारीख में 2 लोगों ने जो तानाशाही चला रखा है, उसके खिलाफ आवाज उठानी पड़ेगी न। दोनों का नाम पूरा देश जानता है। आप अपने अहंकार के चक्कर में बहादुर बेटी का स्वर्ण पदक नहीं लाने दिया। यह देश बर्दाश्त करेगा क्या? अगर आपको लगता है कि विनेश फोगाट के साथ अन्याय हुआ है, तो उन्हें आप निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सदन में भेजिए। बीजेपी कांग्रेस सब समर्थन करे। हम लोग भी उनके साथ खड़े होंगे। राज्य सरकार का मसला आएगा, तो उसके खिलाफ भी बोलेंगे। अभी जो अहम मुद्दे हैं, उस पर बोल रहे हैं। सवाल- विनेश फोगाट मामले में क्या राजनीति की जा रही?
जवाब- निश्चित रूप से बहुत बड़ी साजिश हुई। जब विनेश फोगाट गईं, तब उसका वजन ठीक था। क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल तक विनेश का वजन ठीक था। जब वह देश के लिए स्वर्ण पदक लेकर आने वाली थीं, उस समय उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा हो गया। ओलिंपिक एसोसिएशन उनके पक्ष में खड़ा नहीं हुआ। मैं दूसरी बात और कहना चाहता हूं, जब उन्होंने सिल्वर जीता, तो उस वक्त उनका वजन ठीक था, तो सिल्वर क्यों नहीं मिलना चाहिए। ये भी पढ़ें.. घाघरा में समा रहे घर, बांध पर कट रही जिंदगी:सीतापुर-बाराबंकी में 34 साल में 12 गांव मिट गए, 10 हजार की आबादी संकट में
सीतापुर-बाराबंकी बॉर्डर पर अखरी, अमरौरा, अटौरा गांव हैं। ये सभी घाघरा नदी के किनारे बसे हैं। हर साल नदी का पानी बढ़ता है, कटान तेज होती है और घर नदी में हमेशा के लिए समा जाते हैं। 34 साल में नदी में 12 से अधिक गांव समा गए हैं। नदी गांवों से 4 किलोमीटर दूर थी, लेकिन अब गांव के करीब से बह रही है। दैनिक भास्कर की टीम बाढ़ और कटान प्रभावित इलाके में पहुंची। लोगों की समस्याओं को देखा। उनको मिलने वाली मदद को देखा। भविष्य की उन संभावनाओं को भी जानने की कोशिश की, जो यहां के 10 हजार से ज्यादा लोगों को प्रभावित करेगी। पढ़ें पूरी खबर
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