Noida – धरना दिया तो पार्टी ने दी चेतावनी, नोएडा से नाता – #INA

Noida |Siddharth Nagar News :
सिद्धार्थनगर जिले की पुलिस पर अपना दल के शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा ने उत्पीड़न और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। जिसके बाद विधायक ने पुलिसिया उत्पीड़न के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को विधायक, नगर पालिका परिषद कार्यालय के सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर धरने पर बैठ गए हैं। इस बीच अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पत्र में कार्यकर्ताओं को धरने से दूर रहने की चेतावनी दी गई है। मूल रूप से विधायक विनय वर्मा नोएडा के रहने वाले है।


क्या बोले प्रदेश अध्यक्ष?

राजकुमार पाल ने लेटर में लिखा- ‘शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनय वर्मा द्वारा बुलाए गए धरने की जानकारी मिली है। यह धरना बिना पार्टी या मेरी अनुमति और स्वीकृति के आयोजित किया गया है। पार्टी के किसी भी पदाधिकारी या सदस्य को इसमें भाग लेने की अनुमति नहीं है। पार्टी अनुशासन और नीति के तहत कार्य करती है। यह धरना पार्टी की आधिकारिक गतिविधि नहीं है। आपसे अनुरोध है कि इन निर्देशों का पालन करें और अनुशासन बनाए रखें। कृपया इस संदेश को सभी कार्यकर्ताओं तक पहुंचाएं और सुनिश्चित करें कि कोई भी अनुशासनहीनता न हो।’

विधायक ने लगाए थे गंभीर आरोप

विधायक विनय वर्मा ने आरोप लगाया है कि उनके विधानसभा क्षेत्र शोहरतगढ़ में हाल ही में हुए एक घटना में पुलिस ने प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि अवैध मिट्टी खनन के दौरान ट्रैक्टर ट्राली पलटने के बाद आग लगने से ड्राइवर की मौत हो गई थी। वर्मा ने आरोप लगाया कि ढेबरुआ थानाध्यक्ष ने इस मामले में दोषी व्यक्तियों को बचाने की कोशिश की। इस शिकायत को लेकर उन्होंने एसपी और अन्य उच्चाधिकारियों को सूचित किया था, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। साथ ही, विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि शोहरतगढ़ थानाध्यक्ष ने उनकी जनता के हित में किए गए प्रयासों को नजरअंदाज किया और गलत भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने दावा किया कि ये सब पुलिस कप्तान के इशारे पर किया जा रहा है। मजबूरन उन्हें धरने पर बैठना पड़ रहा है।

विधायक का आरोप

सिद्धार्थनगर में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल अपना दल के विधायक विनय वर्मा ने पुलिस अधीक्षक प्राची सिंह के खिलाफ धरना शुरू किया। विधायक वर्मा ने अपने धरने का कारण बताते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक और उनके अधीनस्थ अधिकारियों की जनविरोधी कार्यशैली के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि थानों में पीड़ितों के खिलाफ ही मामले दर्ज किए जा रहे हैं और उनकी बात भी नहीं सुनी जा रही है। यह धरना अचानक नहीं था। विधायक ने तीन दिन पहले ही विधानसभा अध्यक्ष को इसकी सूचना दे दी थी। मंगलवार सुबह से ही धरना स्थल पर तैयारियां शुरू हो गई थीं, हालांकि दिन भर अधिकारियों और विधायक के बीच बातचीत चलती रही।

भाजपा ने किया प्रयास लेकिन असफल 

इस मामले को सुलझाने के प्रयास में भाजपा जिलाध्यक्ष कन्हैया पासवान ने विधायक के साथ जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर से मुलाकात की। इस बैठक के बाद धरने को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी रही और विधायक अपने समर्थकों के साथ तीन घंटे तक भाजपा कार्यालय में रहे। लेकिन दोपहर 3 बजे उन्होंने फिर से धरना देने का निर्णय लिया। विधायक का मुख्य आरोप है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में पुलिस जनता का उत्पीड़न कर रही है और भ्रष्टाचार में लिप्त है। उन्होंने अवैध खनन, नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे गंभीर मुद्दों पर पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाया है।

थाना अध्यक्ष को हटाने की मांग

विशेष रूप से एक अवैध खनन के मामले में विधायक की पैरवी के बावजूद पीड़ित को न्याय नहीं मिला। यहां तक कि बस्ती में आयोजित एक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने भी इस मुद्दे पर सही जवाब नहीं दिया गया। विधायक ने अपने विशेषाधिकार हनन की भी शिकायत की है। उनकी मांग है कि शोहरतगढ़ थानाध्यक्ष, जिन्होंने उनसे अमर्यादित भाषा में बात की, उनको निलंबित किया जाए और पुलिस अधीक्षक के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।

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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

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