देश – दिल्ली की सड़कों पर रात के ये 5 घंटे भारी, हादसे में मरने वाले 89 फीसदी पुरुष- #INA

सांकेतिक तस्वीर

दिल्ली में आए दिन होने वाले सड़क हादसों को लेकर दिल्ली सरकार ने विशेष रिपोर्ट तैयार की है. साल 2022 में हुए हादसों का अध्ययन कर दिल्ली सरकार ने बताया है कि सबसे ज्यादा यह हादसे ऑफ ऑवर यानी रात के नौ बजे से लेकर सुबह के दो बजे तक होते हैं. वहीं इन हादसों में मरने वाले सर्वाधिक पुरुष होते हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में होने वाले सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौत पैदल चलने वालों की होती है. वहीं बाइकर्स का स्थान दूसरे नंबर पर है. इसी प्रकार चार पहिया वाहन चालकों की मौत महज पांच फीसदी बताई गई है.

दिल्ली सरकार की यह चौकाने वाली रिपोर्ट हाल ही में परिवहन विभाग ने जारी किया है. इस रिपोर्ट में विभाग ने साल 2022 में हुए तमाम हादसों का अध्ययन कर उसके कारणों का भी उल्लेख किया है. दिल्ली परिवहन विभाग की इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में जो भी सड़क हादसे हुए, उनमें 50 फीसदी मौत पैदल यात्रियों की हुई. सरकार ने बताया है कि इनमें से ज्यादातर हादसों को रोका जा सकता था. इसी प्रकार 45 फीसदी बाइक सवार भी हादसे के शिकार होकर काल के ग्रास बन गए.

महज 11 फीसदी महिलाओं की हुई मौत

इस रिपोर्ट के मुताबिक उस साल में कुल 1517 ऐसी दुर्घटनाएं हुई, जिनमें लोगों की मौत हुई और इन हादसों को रोका जा सकता था. यह आंकड़ा पिछले साल की अपेक्षा करीब 28 फीसदी ज्यादा है. सरकार की इस रिपोर्ट में सड़क हादसों में 97 प्रतिशत मौतों की वजह लापरवाही और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन माना गया है.इस रिपोर्ट का अध्ययन करने पर पता चलता है कि इन हादसों में 89 प्रतिशत मौतें पुरुषों की हुई हैं. वहीं महज 11 प्रतिशत महिलाएं हादसों की शिकार हुई हैं.

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रात में होते हैं ज्यादातर हादसे

मरने वाले लोगों में 30 से 39 साल आयु वर्ग के लोग ज्यादा है. दिल्ली सरकार ने यह रिपोर्ट दिल्ली में सड़क हादसों को कम करने की रणनीति बनाने के लिए तैयार की है. इसमें पाया गया है कि चूंकि ज्यादातर गंभीर हादसे ऑफ ऑवर यानी रात 9 के बजे से सुबह 2 बजे के बीच हो रही हैं, इसलिए इसका एक कारण सड़कों की प्रकाश व्यवस्था भी बताया गया है. माना गया है कि रात के सन्नाटे में वाहन चालक दूसरे वाहनों को टक्कर मारकर भाग जाते हैं. ऐसे हालात में घायल को समय रहते इलाज नहीं मिल पाता है और उसकी मौत हो जाती है.

ब्लैक स्पॉट चिन्हित

खासतौर पर वीकेंड यानी शनिवार और रविवार को इस तरह की घटनाएं ज्यादा होती हैं. इस रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने हिट-एंड-रन मामलों से निपटने के लिए विशेष इंतजाम पर जोर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक सड़क हादसों में मौत के 59 फीसदी मामले हिट-एंड-रन के हैं और इसमें सर्वाधिक पैदल यात्री शिकार हुए हैं. रिपोर्ट में इस तरह के मामलों में कमी लाने के कुछ उपाय सुझाए गए हैं. इसमें खासतौर पर ब्लैक स्पॉट चिनहित करने और उसे दूर करने के उपाय शामिल हैं.

ये हैं हादसों की वजह

रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में सबसे ज्यादा ब्लैक स्पॉट नई दिल्ली और पश्चिमी जिले में हैं. जबकि उत्तर-पूर्वी जिले में इस तरह के स्थान कम हैं. इसके कारणों का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में बताया गया है कि फुटपाथ, सड़कों पर पैदल यात्रियों के लिए कम दूरी की क्रॉसिंग, ऊंचे क्रॉसवॉक, अधिक लगातार सार्वजनिक परिवहन और प्रमुख जोखिम कारकों जैसे कि तेज गति से गाड़ी चलाना, बिना हेलमेट पहने सवारी करना, नशे में गाड़ी चलाना और सीटबेल्ट न बांधना आदि शामिल है.

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