देश – चुनावी मोड में आई दिल्ली, सड़क पर आतिशी सरकार तो पर्दे के पीछे BJP ने बनाई रणनीति- #INA

दिल्ली की सीएम आतिशी, अरविंद केजरीवाल, वीरेंद्र सचदेवा, मनोज तिवारी

दिल्ली में विधानसभा चुनाव में भले ही अगले साल है, लेकिन सियासी बिसात अभी से ही बिछाई जाने लगी है. बीजेपी ने राजस्थान के रणथंभोर में दो दिनों तक चिंतन बैठक कर मिशन-दिल्ली को फतह करने की रणनीति और चुनावी मुद्दे की रूपरेखा तैयारी की है. वहीं, अरविंद केजरीवाल के सीएम की गद्दी छोड़ने और आतिशी के कमान संभालने के बाद से आम आदमी पार्टी पूरी तरह से चुनावी मोड में नजर आ रही है. दिल्ली की सड़कों को दिवाली से पहले गड्ढा मुक्त बनाने के तहत सोमवार को आतिशी अपने सभी कैबिनेट मंत्रियों के साथ दिल्ली की सड़कों पर निरीक्षण करने उतरी हैं. इस तरह दिल्ली चुनाव को लेकर सियासी दलों के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है?

अन्ना आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी 2013 से दिल्ली की सत्ता पर काबिज है. तीन बार दिल्ली की सत्ता की कमान संभालने के बाद अरविंद केजरीवाल ने जेल से बाहर आते ही मुख्यमंत्री पद की कुर्सी छोड़ दी थी. केजरीवाल ने अपनी जगह आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया है. केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देते वक्त कहा था कि शेड्यूल के हिसाब से फरवरी में दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने हैं, लेकिन मेरी मांग है कि महाराष्ट्र के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव कराए जाएं. आतिशी ने सीएम बनने के बाद ही ऐलान किया था कि उनका एक ही मकसद है कि केजरीवाल को एक बार फिर से दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाना है. इस तरह दिल्ली में चौथी बार केजरीवाल सरकार बनाने के मिशन के तहत ही आतिशी कैबिनेट के सभी मंत्री सड़क पर उतरे हैं.

सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का मिशन

आतिशी सरकार दिल्ली की खराब सड़कों को ठीक करने के लिए ग्राउंड जीरों पर उतर चुकी है. केजरीवाल के निर्देश पर सीएम आतिशी ने पीडब्ल्यूडी की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का आदेश दिया है. सीएम आतिशी ने सोमवार को एनएसआईसी ओखला, मोदी मिल फ्लाइओवर, चिराग दिल्ली, तुगलकाबाद एक्सटेंशन, मथुरा रोड, आश्रम चौक और अंडरपास की महत्वपूर्ण सड़कों का निरीक्षण किया. अगले एक सप्ताह में दिल्ली में पीडब्ल्यूडी की 1400 किमी सड़कों का निरीक्षण करने का काम आदमी पार्टी के नेता, विधायक और आतिशी सरकार के सभी मंत्री करेंगे.

किसको कहां की मिली जिम्मेदारी

सीएम आतिशी, पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया एक साथ दिल्ली की सड़कों पर चार दिन पहले उतरे थे. इस दौरान तीनों नेताओं ने देखा था कि दिल्ली की सड़कें किस तरह टूटी-फूटी हुई हैं. इसके बाद ही आतिशी ने तुरंत दिल्ली की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का ऐलान किया है, जिसेक तहत दिल्ली सरकार के सभी मंत्री और आम आदमी पार्टी के विधायक सड़क पर उतरे है. सीएम आतिशी साउथ और साउथ ईस्ट दिल्ली में सड़कों का निरीक्षण करने के लिए उतरी हैं. सौरभ भारद्वाज के जिम्मे ईस्ट दिल्ली, गोपाल राय को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, कैलाश गहलोत को वेस्ट और साउथ वेस्ट दिल्ली, मुकेश अहलावत को नॉर्थ और नॉर्थ वेस्ट दिल्ली, इमरान हुसैन सेंट्रल और नई दिल्ली इलाके की सड़कों का निरक्षण करके रिपोर्ट सौंपेगे.

जनता को साधने की रणनीति

दिल्ली की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का ही नहीं बल्कि आतिशी के नेतृत्व में दिल्ली सरकार बनने के बाद से ऐसे कई फैसले लिए गए हैं, जो सीधे जनता को कनेक्ट करते हैं. इसका मकसद जनता तक सीधे पहुंचना है. उनके सामने अपनी बात रखना और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना है. दिल्ली में लगातार हो रहे अपराधों पर आम आदमी पार्टी अचानक एक्टिव हो गई है.

नारायणा शूट आउट के पीड़ितों से मंत्री सौरभ भारद्वाज और आप विधायक दुर्गेश पाठक ने जाकर मुलाकात की है. सोमवार को आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली के लॉ एंड ऑर्डर को लेकर उपराज्यपाल से मुलाकात करेंगे. आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार ने बढ़ रहे अपराध के लिए सीधे एलजी को जिम्मेदार ठहराया है. इसे व्यापारियों से कनेक्ट का एक तरीका माना जा रहा है.

दिल्ली फतह का बीजेपी प्लान तैयार

दिल्ली विधानसभा चुनाव की जंग फतह करने के लिए बीजेपी ने राजस्थान के रणथंभौर में दो दिन तक मंथन कर रूपरेखा बनाई है. बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष ने दिल्ली नेताओं के साथ दो दिन तक चिंतन बैठक की. बीजेपी ने दिल्ली में अपने 26 साल से जारी जीत का सूखा खत्म करने की रणनीति तैयार की है. विधानसभा चुनाव के लिए बूथ प्रबंधन से लेकर अपने समर्थकों को बूथ तक पहुंचा कर मत प्रतिशत बढ़ाने का खाका तैयार किया गया है. आरएसएस और बीजेपी की कोर कमेटी के साथ हुई दो दिवसीय मंथन में संघ ने दिल्ली के पॉश इलाकों में वोटिंग बढ़ाने और झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में विशेष तौर पर बूथ प्रबंधन को मजबूत करने की सलाह बीजेपी को दी है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में दो दिन तक चली बैठक में संघ की तरफ से सह सरकार्यवाह अरुण कुमार, क्षेत्र प्रचारक जतिन कुमार, प्रांत प्रचारक विशाल, राष्ट्रीय संगठन महासचिव अरुण कुमार और दिल्ली बीजेपी संगठन के सभी प्रमुख नेता, सांसद और विधायक उपस्थित थे. इस दौरान बीजेपी की कमजोरी और मजबूती के साथ-साथ आम आदमी पार्टी की कमजोरी और मजबूती पर चर्चा हुई. आम आदमी पार्टी और बीजेपी के कमजोर इलाकों की पहचान करने, मत प्रतिशत बढ़ाने की योजना, चुनावी मुद्दों की सूची तैयार करने की योजना बनाने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

बीजेपी ने सीएम फेस पर किया मंथन

दिल्ली में पिछले तीन विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल के सामने सीएम पद का चेहरा देने का लाभ बीजेपी को नहीं मिला है. 2013 में हर्षवर्धन तो 2015 में किरण बेदी को बीजेपी ने सीएम का चेहरा बनाया था, लेकिन जीत नहीं सकी. 2020 में बीजेपी ने किसी को भी सीएम फेस नहीं बनाया था, उसके बाद भी लाभ नहीं मिला. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दिया और उनकी जगह आतिशी को सीएम बनाया गया है. ऐसे में बीजेपी ने अपने दो दिवसीय बैठक में चेहरे पर मंथन किया, लेकिन कोई फैसला नहीं ले सकी है. इसके साथ ही बूथ प्रबंधन और चुनावी रणनीति से जुड़ने के बाद भी संघ ने लोकसभा चुनाव की तर्ज पर नुक्कड़ सभाओं और संपर्क अभियान पर विशेष देने की बात कही गई है. संघ ने बीजेपी को सुझाव दिया है कि चुनाव में नए और युवा चेहरों को अधिक मौका दिया जाना चाहिए.

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