Noida – यूपी में योगी सरकार स्थापित करेगी 1000 ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर – #INA
Noida /Lucknow News :
उत्तर प्रदेश में जल्द ही 1000 ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जिससे 5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व में आईटी विभाग ने नई ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर (GCC) नीति तैयार की है, जिसे जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस नीति के तहत निजी कंपनियों को भूमि अधिग्रहण और स्टांप ड्यूटी में छूट सहित कई प्रकार की रियायतें दी जाएंगी, ताकि निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। इस परियोजना से नोएडा और गाजियाबाद के लोगों को फायदा मिलेगा।
रोजगार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए रियायतें
इस नीति के तहत, जमीन और स्टांप ड्यूटी पर छूट दी जाएगी। गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद जैसे पश्चिमी यूपी के क्षेत्रों में 30 प्रतिशत सब्सिडी, मध्य यूपी में 40 प्रतिशत, और पूर्वांचल और बुंदेलखंड में 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। साथ ही, अगर परियोजना समय पर पूरी नहीं होती है, तो लैंड सब्सिडी की 12 प्रतिशत वार्षिक दर से वसूली की जाएगी। परियोजनाओं को तेजी से स्थापित करने के लिए सरकार कई अन्य रियायतें भी देगी, जैसे कि टर्म लोन पर ब्याज सब्सिडी, लीज रेंट, डाटा सेंटर और बिजली खर्च पर 20 प्रतिशत की ऑपरेशनल एक्सपेंस सब्सिडी। इसके अलावा, कर्मचारियों के वेतन की प्रतिपूर्ति सरकार करेगी, जो प्रति कर्मचारी अधिकतम 1.2 लाख रुपये प्रतिवर्ष होगी, और यह सुविधा तीन साल तक लागू रहेगी।
स्थानीय रोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा
उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास को प्राथमिकता दी जाएगी। कम से कम 30 स्थानीय लोगों को नौकरी देने वाली कंपनियों को सरकार फ्रेशर के वेतन में 20,000 रुपये प्रतिमाह तक का योगदान एक साल तक देगी। इसके अलावा, अधिकतम 50 इंटर्न को 5,000 रुपये प्रति वर्ष तक की प्रतिपूर्ति मिलेगी। इस नीति के तहत कम से कम 50 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर सरकार अलग से प्रोत्साहन देगी। इन ग्लोबल कैपिसिटी सेंटरों को सातों दिन 24 घंटे संचालन की अनुमति होगी, और रात में महिलाओं को भी काम करने की छूट दी जाएगी।
ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर की उपयोगिता
ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर (GCC) बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए अहम भूमिका निभाते हैं। ये सेंटर सूचना प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग, और रोबोटिक्स जैसी उच्च तकनीकों में कंपनियों को समर्थन प्रदान करते हैं। इसके साथ ही ये सेंटर सॉफ्टवेयर, बैंकिंग, बीमा, चिकित्सा, और एयरोस्पेस जैसे क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
यूपी में तकनीकी विकास और स्टार्टअप का हब
उत्तर प्रदेश में पहले से ही 200 से अधिक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और आईटी कंपनियां सक्रिय हैं, जहां 35,000 से अधिक उच्च शिक्षित पेशेवर काम कर रहे हैं। राज्य में 40 आईटी पार्क और 25 विशेष आर्थिक क्षेत्र भी हैं, जिससे यूपी तकनीकी विकास का हब बन रहा है। नोएडा वर्तमान में ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर का हब है, जबकि लखनऊ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में उभर रहा है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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