देश – दिल्ली प्रदूषण: यह किसानों के लिए मुमकिन नहीं, जब तक…पराली जलाने की समस्या पर बोले कांग्रेस सांसद- #INA
मनीष तिवारी
दिल्ली में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और हवा दिन ब दिन खराब होती जा रही है. मंगलवार को भी दिल्ली का AQI 300 के पार रहा. यहां तक की दिल्ली के 16 इलाकों को रेड जॉन में शामिल किया है. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह अक्सर हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने को बताई जाती है, जिसको लेकर अब कांग्रेस सांसद ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में छोटे किसान है, जिनके पास कम जमीन है. इसलिए जब तक छोटे किसानों को वित्तीय सहायता नहीं दी जाती, तब तक यह उनके लिए मुमकिन नहीं है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि जब भी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता है तो पंजाब और हरियाणा को पर इल्जाम लगाया जाता है लेकिन असल में दिल्ली में प्रदूषण का बोझ पहले से ही बहुत ज्यादा है और जैसे ही पराली जलाई जाती है दिल्ली गैस चैंबर बन जाती है. किसानों को पराली जलाने से दूर रहने के लिए जो बुनियादी कदम उठाए जाने की जरूरत है. वह पिछले 10 सालों में नहीं उठाए गए हैं.
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#WATCH | Delhi Air Pollution | Congress MP Manish Tewari says, “… Whenever pollution in Delhi increases, Punjab and Haryana get blamed. The pollution load in Delhi is already very high. The moment there is an additional load as a consequence of stubble burning, Delhi becomes a pic.twitter.com/WNkQ1e9Dy3
— ANI (@ANI) October 22, 2024
“उनके लिए मुमकिन नहीं है”
उन्होंने आगे कहा पराली जलाने वाले हरियाणा और पंजाब में ज्यादातर छोटे किसान हैं. पंजाब में 86 फीसदी किसानों के पास 2 एकड़ से कम भूमि है, जब तक छोटे किसानों को वित्तीय सहायता नहीं दी जाती, तब तक यह उनके लिए मुमकिन नहीं है. वह अपने पारंपरिक तरीकों से दूर नहीं होंगे. हालांकि सरकारों ने कई कोशिश की हैं और वह सब कुछ किया जो वह कर सकते थे लेकिन हर साल पराली की यही दिक्कत पैदा हो जाती है. अब समय आ गया है कि लोगों को यह एहसास हो कि जब तक किसान को वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी. तब तक उसकी आर्थिक हालात उसे अपने पारंपरिक पैटर्न से हटने के लिए राजी नहीं करेगी.
हरियाणा-पंजाब सरकार के कदम
हालांकि पराली जलाने को लेकर हरियाणा और पंजाब दोनों में ही पराली जलाने के मामले में सख्त कदम भी उठाए जा रहे हैं, जहां पंजाब सरकार ने 65 किसानों की पहचान कर 1.85 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और 6 एफआईआर दर्ज की. वहीं हरियाणा में पराली जलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं. हरियाणा सरकार ने फैसला लिया है कि पराली जलाने वाले किसानों पर FIR दर्ज की जाएगी. अगर कोई किसान पराली जलाता है, तो वह अपनी फसल अगले दो सीजन तक नहीं बेच पाएगा.
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