Noida – पिता वेदराम नागर की पुण्यतिथि पर सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने दी श्रद्धांजलि, छात्राओं को बांटे 50-50 हजार रुपये के चेक – #INA

Greater Noida News :
बुलंदशहर के गुलावठी स्थित पारस कंपनी के मुख्यालय में “श्वेत क्रांति के जनक” और “गुर्जर गौरव” के नाम से विख्यात चौधरी वेदराम नागर की 19वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भाजपा, बसपा, कांग्रेस और सपा समेत कई दलों के दिग्गज लोग मौजूद रहे। राज्यसभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र सिंह नागर ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके पिता की जीवन यात्रा और योगदान को याद किया। 

किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे चौधरी वेदराम नागर

सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने अपने संबोधन में कहा, “चौधरी वेदराम नागर एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और दूरदर्शिता के बल पर उन्होंने न केवल दूध उत्पादन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ बल्कि समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में भी कई योगदान दिए। उन्होंने देशभर के कई शिक्षण संस्थानों में दान दिया और बालिका शिक्षा पर विशेष जोर दिया।” 

वेदराम नागर को ‘मिल्क किंग’ के नाम से जानते

शिक्षक और पत्रकार लज्जा राम भाटी ने कहा, “वेदराम नागर को उनके अनुयायी ‘गुर्जर गौरव’ और ‘मिल्क किंग’ के नाम से जानते हैं। उन्होंने अपने जीवनकाल में शिक्षा, खेल और समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। वे समाज के पिछड़े तबकों को ऊपर उठाने के लिए सदा प्रयासरत रहे। वेदराम का मानना था कि समाज शिक्षित होगा तो आगे बढ़ेगा, इसलिए उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई स्कूलों में कक्षाओं का निर्माण भी कराया।”

मौके पर ये लोग मौजूद रहे

कार्यक्रम में किसान नेता विदेश भाटी ने कहा, “चौधरी वेदराम नागर का कार्य समाज में प्रेरणादायक है। उनकी तरह उनके बेटे भी समाज सेवा और व्यापार के क्षेत्र में उनका नाम आगे बढ़ा रहे हैं। राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर भी समाज और पार्टी के हित में लगातार मेहनत कर रहे हैं।” श्रद्धांजलि सभा में ब्लॉक प्रमुख ईश्वर पहलवान, जतन प्रधान और क्षेत्र के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

Source link

Back to top button