Noida – एनजीटी का आदेश अनसुना, शिकायत करने पर प्राधिकरण ने रुकवाया काम, दस लाख रुपये का जुर्माना – #INA

Noida News :
नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) की लापरवाही के कारण नोएडा में भूजल की बर्बादी बेरोकटोक जारी है। पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड़ ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है। उनका आरोप है कि यह 11 जनवरी 2013 के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश का सीधा उल्लंघन है। 


नोएडा प्राधिकरण इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहा

विक्रांत तोंगड़ द्वारा की गई आरटीआई (सूचना का अधिकार) के जवाब से पता चलता है कि नोएडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने अभी तक जिला मजिस्ट्रेट के पत्र का संज्ञान नहीं लिया है। इससे स्पष्ट होता है कि नोएडा प्राधिकरण इस गंभीर मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहा है। विक्रांत तोंगड़ ने बताया, “हमने 2011 में इस मुद्दे को एनजीटी में उठाया था, जिसके परिणामस्वरूप नोएडा में डी-वाटरिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन आज भी, कई स्थानों पर गहरे बेसमेंट बनाने के लिए प्रतिदिन लाखों लीटर ताजा भूजल निकाला जा रहा है।”

तीन महीनों में नोएडा प्राधिकरण कर रहा अनसुना 

उन्होंने बताया कि उन्होंने पिछले तीन महीनों में कई बार नोएडा प्राधिकरण के सीईओ, जिला मजिस्ट्रेट और अन्य अधिकारियों को इस मुद्दे के बारे में लिखा है। अब वे इस मामले को वापस एनजीटी में ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। विक्रांत तोंगड़ ने कहा, “हमें अफसोस है कि नोएडा प्राधिकरण और भूजल विभाग इस प्रथा को रोकने में सक्षम नहीं हैं। क्या आप इसे विफलता कहेंगे, या कुछ और?”

दस लाख रुपये का लगाया जुर्माना 

हालांकि, जानकारी के अनुसार, नोएडा प्राधिकरण ने मौके पर जाकर कार्य रुकवा दिया है और दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह कदम एनजीटी के आदेश का पालन करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है।

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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

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