Noida – ग्रेटर नोएडा के डूब क्षेत्र में चल रहा अवैध बिजली कनेक्शन का धंधा, सरकार को हर साल 200 करोड़ का घाटा – #INA
Greater Noida News :
ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में स्थित लगभग 45 हजार उपभोक्ताओं को वर्ष 2017 से बिजली कनेक्शन नहीं मिल पाया है। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशानुसार इस क्षेत्र को अवैध घोषित किए जाने के बाद बिजली विभाग ने नए कनेक्शन देना बंद कर दिया था। इस साल के बिजली टैरिफ दस्तावेजों में विभाग ने भी इस सच्चाई को स्वीकारा है। हकीकत में यहां बिजली की आपूर्ति बंद नहीं हुई है। हर घर रोशन है।
अवैध बिजली आपूर्ति से हर साल 200 करोड़ का घाटा
इस इलाके में बिजली चोरी के व्यापक नेटवर्क ने सरकारी खजाने को सालाना करीब 200 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। बिजली विभाग के कर्मचारियों की कथित मिलीभगत से ठेकेदारों ने अवैध तरीके से बिजली की लाइनों का जाल बिछाया है। जिससे यहां के निवासियों को नियमित रूप से बिजली मिल रही है। यह कालाधंधा विभाग की जानकारी में होने के बावजूद सालों से बिना रोकटोक जारी है।
50 से अधिक कॉलोनियों में बिजली का संकट
हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में 50 से अधिक अवैध कॉलोनियों में दो लाख से अधिक घर बसे हैं। इनमें से केवल 80,000 उपभोक्ताओं के पास ही वैध कनेक्शन हैं। जबकि अन्य लोग अवैध स्रोतों से बिजली पा रहे हैं। एनजीटी के आदेश के बाद वर्ष 2017 से यहां नए कनेक्शन देने पर रोक लगी। जिससे अवैध बिजली आपूर्ति का रास्ता खुल गया।
राज्य सरकार से समाधान की आस
इस मुद्दे का समाधान राज्य सरकार के निर्णय पर निर्भर है। ऊर्जा विभाग में इस पर कई बार बैठकें हो चुकी हैं। इसे कैबिनेट में लाने पर भी विचार हुआ था। लेकिन अब तक कोई ठोस फैसला नहीं हो सका है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस मुद्दे पर आपत्ति दर्ज की थी और इसे विद्युत नियामक आयोग के समक्ष भी उठाया था। परिषद ने इस समस्या के समाधान की मांग करते हुए इसे एक गंभीर मुद्दा बताया।
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
Source link