Noida – नोएडा फायर ब्रिगेड टीम ने शुरू की जांच, 10 नामी अस्पतालों के पास नहीं मिली एनओसी – #INA
Noida News :
झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मौत होने के बाद से पूरी यूपी में हड़कंप मचा हुआ है। हर शहर की फायर ब्रिगेड टीम सरकारी और निजी अस्पतालों में निरीक्षण कर रही है। इसी क्रम में नोएडा फायर ब्रिगेड टीम भी जांच कर रही है। अभी तक की जांच सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कई खामियां देखने को मिली है। इसके अलावा 10 नामी अस्पतालों के पास फायर एनओसी नहीं मिली है।
जिले में 185 अस्पताल
फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट के मुताबिक जिले में करीब 185 सरकारी और प्राइवेट अस्पताल है। टीम अभी तक 50 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की जांच कर चुकी है। इनमें से 10 अस्पतालों के पास फायर की एनओसी नहीं है। जबकि अन्य अस्पतालों में भी फायर से जुड़ी कुछ न कुछ खामियां मिली हैं। इस के अलावा नोएडा के छिजारसी स्थित एसजेएम अस्पताल और ग्रेटर नोएडा के शर्वती अस्पताल में बड़ी खामियां सामने आई हैं। दोनों अस्पतालों में अतिरिक्त मंजिलों का निर्माण कराया गया है। आग लगने पर धुएं के निकलने का कोई इंतजाम नहीं है। यहां अग्निशमन उपकरणों में भी खामियां मिली हैं। खामियों को दूर करने के लिए अस्पताल प्रबंधन को 15 दिन का समय दिया गया है।
सरकारी अस्पतालों में भी खामियां
निजी और सरकारी अस्पतालों के निरीक्षण के लिए चार दिवसीय अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के पहले दिन चाइल्ड पीजीआई, जिला अस्पताल और ईएसआई अस्पताल में अग्नि सुरक्षा में कई खामियां मिली थीं। सीएफओ के मुताबिक खामियों को दूर करने के लिए अस्पताल प्रबंधन को 15 दिन का समय दिया गया है। अगर इसके बाद भी खामियां दूर नहीं की जाती है तो एक्शन लिया जाएगा।
अस्पतालों की सूची होगी जारी
सीएफओ प्रदीप कुमार चौबे ने बताया कि जिले के सभी बड़े-छोटे अस्पतालों का निरीक्षण किया जा रहा है। जिन अस्पतालों में कमियां पाई जाएंगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कई अस्पताल पहले मिली कमियों को दूर नहीं कर पाए हैं। विभाग की ओर से ऐसे अस्पतालों की सूची तैयार की जा रही है। इस तरह का अभियान पहले भी चलाया जा चुका है।
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
Source link