Noida – भ्रष्टाचारी जूनियर इंजीनियर की जांच जारी, पुरानी फाइल खंगाली अफसर… होंगे कई बड़े खुलासे – #INA

Noida News :
नोएडा प्राधिकरण में सीईओ डॉ. लोकेश एम ने भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। सीईओ ने भ्रष्टाचार के आरोप में ईएंडएम विभाग के जूनियर इंजीनियर अनेक सिंह की सेवा समाप्त कर दी है। इस मामले में अब नया मोड़ सामने आया है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में ईएंडएम के बड़े अफसरों की मिलीभगत उजागर हो सकती है। आरोप है कि सभी ने मिलीभगत कर करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया है। वहीं, गुरुवार की सुबह से ही कर्मचारी फर्जी बिल पर मुहर लगाने वाले अधिकारियों को भी शक भरी निगाहों से देख रहे हैं।

संपत्ति की भी हो सकती है जांच

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के बड़े अफसरों की एक टीम गठित की गई है। यह टीम भ्रष्टाचार की जांच कर रही है। नौकरी से सेवा समाप्त किए गए जूनियर इंजीनियर अनेक सिंह के किए गए कामकाज की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। शिकायत है कि जूनियर इंजीनियर ने इस तरह के अनेक कार्यों में फर्जीवाड़ा कर प्राधिकरण को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाते हुए अकूत सम्पति अर्जित की है। इन सभी शिकायतों की एक-एक कर जांच की जा रही है, गलत तरीके से अर्जित की गई संपत्ति की भी जांच की जाएगी।

सीईओ ने दी कड़ी चेतावनी

नाम ना छापने की शर्त पर एक बड़े अधिकारी ने बताया कि सीईओ की निगरानी में जांच जारी है। सीईओ ने सख्त चेतावनी दी है कि किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार प्राधिकरण में होने नहीं दिया जाएगा। जो भी अधिकारी या कर्मचारी  भ्रष्टाचार में  लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीईओ के इस कार्रवाई के बाद नोएडा प्राधिकरण में हलचल तेज हो गई है।

जानिए कैसे खुली पोल

जानकारी के मुताबिक अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय खत्री ने हाल ही में सेक्टर-142 से 144 तक नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर पथ में विद्युत कार्य का निरीक्षण किया। जांच में पता चला कि कंपनी द्वारा एक निश्चित लागत पर कार्य कराया जा रहा है। उस कार्य का कोई लेआउट प्लान एग्रीमेंट में शामिल नहीं था। एग्रीमेंट के अनुसार कार्य स्थल पर कोई स्टोर नहीं बनाया गया था। साथ ही जो भी कार्य कराया जा रहा था। भुगतान के लिए वास्तविक लागत से अधिक के बिल लगाए गए। जांच में पता चला कि विद्युत कार्य के लिए ली गई केबल आवश्यकता से कहीं अधिक पाई गई। कार्य स्थल पर प्रगति मात्र 40 प्रतिशत पाई गई। जबकि कार्य का भुगतान 45 प्रतिशत किया गया। ऐसे में जांच में जो रिपोर्ट पेश की गई। उससे साफ हो गया कि अधिकारियों ने मिलीभगत कर वास्तविक आवश्यकता से अधिक धनराशि का भुगतान किया और आवश्यकता से अधिक मात्रा दर्शाई।

1 करोड़ 40 लाख की थी लागत

आपको बता दें कि यह कार्य वित्तीय वर्ष 2023-24 का है। जिसमें करीब 1 करोड़ 40 लाख की लागत से नई विद्युत केबल बिछाई जानी थी। इसी कारण प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने अवर अभियंता (संविदा) अनेक सिंह की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए। साथ ही शिव शक्ति जायसवाल प्रबंधक विद्युत यांत्रिक प्रथम और वरिष्ठ प्रबंधक प्रदीप कुमार विद्युत यांत्रिक प्रथम के निलंबन के लिए फाइल शासन को भेजने के निर्देश दिए।

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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

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