एमपी- MP-राजस्थान के लिए ऐतिहासिक दिन, नदी लिंक प्रोजेक्ट का आगाज, इन जिलों को मिलेगा पानी – INA
चंबल-पार्वती-कालीसिंध नदी लिंक परियोजना की मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में रविवार को शुरुआत हुई. दोनों राज्यों के बीच परियोजना के क्रियान्वयन के लिए एमओयू हुआ है. इस समझौते के कारण ही मुरैना, ग्वालियर, श्योपुर, राजगढ़ सहित 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई की सुविधाएं बढ़ाई जा सकेंगी. पानी की एक-एक बूंद का राजस्थान और मध्यप्रदेश में उपयोग होगा, जिससे दोनों राज्यों के विकास में नई इबारत लिखी जाएगी. यह 72 हजार करोड़ रूपए की योजना है.
इस दौरान एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावना के अनुरूप आज (30 जून) का दिन मध्यप्रदेश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. यह नवाचार भी है, साथ ही हमारे देश की संघीय भावना का प्रकटीकरण भी है.
सीएम डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने पार्वती-कालीसिंध-चम्बल अंतर्राज्यीय नदी लिंक परियोजना के कार्यान्व्यन के लिए संयुक्त पहल का कुशाभऊ ठाकरे सभागार में दीप प्रज्जवलित कर और नदियों के पवित्र जल को कलश में समाहित किया. इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, विधायक भगवानदास सबनानी उपस्थित थे.
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि राज्यों के हित होते हैं, लेकिन देश हित से बड़ा कोई हित नहीं हो सकता है. पीएम मोदी की मूल भावना यही है कि लगातार राज्य अपनी समस्याओं का हल निकालें. विशेष रूप से जल के बटवारे के मामलो को सुलझाएं. मोहन यादव ने कहा कि पीएम मोदी मध्यप्रदेश और राजस्थान को भरपूर राशि दे रहे हैं. दोनों राज्यों के बीच जल समस्या के हल से पर्यटन के क्षेत्र में भी विकास की बड़ी संभावनाएं हैं. विशेष रूप से चंबल, श्योपुर और रणथंभोर में पर्यटन की संभावना अधिक है.
उन्होंने कहा कि राजस्थान ने रेगिस्तान में भी पर्यटन को विकसित कर दिया है. हमारे यहां धार्मिक पर्यटन की बड़ी संभावना है. भगवान श्रीकृष्ण का पाथेय बने, इसके लिए हम प्रयासरत हैं. धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से ओंकारेश्वर-महाकालेश्वर मध्यप्रदेश में ही हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. खनिज सम्पदा के लिए भी हम एक-दूसरे के साथ खड़े रहेंगे. आयुर्वेद की संभावना मध्यप्रदेश-राजस्थान में है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में भी एक दूसरे का सहयोग करेंगे. अफीम की खेती का लाभ किसानों को दिलाने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे. सीएम यादव ने कहा कि वन्य जीवों की सुरक्षा दोनों राज्य मिलकर करेंगे. पर्यटन और रोजगार आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा.
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमारी साझा नीति दोनों प्रदेशों को आगे बढ़ाने की है. इस परियोजना के पूरा होने से दोनों प्रदेशों की उन्नति होगी. राज्य और केंद्र मिलकर इस परियोजना को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में वर्तमान में स्थिति बदली है. पहले सीमित संसाधन थे. राजस्थान के 13 जिले और इतने ही जिले मध्यप्रदेश के इस परियोजना से लाभ प्राप्त करेंगे.
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि इसके अलावा कुछ योजनाएं मध्यप्रदेश और राजस्थान दोनों मिलकर आगे बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण राजस्थान में भी आए थे. राजस्थान और मध्यप्रदेश के अंदर खाटू श्याम से महाकाल तक कॉरीडोर बनाने के प्रयास होंगे. इससे दोनों प्रदेशों के अंदर पर्यटक और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी. स्थापत्य कला को भी देखने का अवसर मिलेगा.
उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में श्रीअन्न (मोटा अनाज) को बढ़ावा देने के प्रयास होंगे. इन योजनाओं से जल का स्तर बढ़ेगा और किसानों को लाभ पहुंचेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि रणथंभोर से टाइगर मध्यप्रदेश आ जाते हैं. इसी तरह मध्यप्रदेश से चीते राजस्थान में पहुंच जाते हैं. वन्य-प्राणियों के संरक्षण और पर्यटन के लिए योजना बनाई जाएगी.
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना मध्यप्रदेश के लिए बड़ी सौगात है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का संकल्प अब पूरा होने जा रहा है. वर्ष 2026 में मध्यप्रदेश में 65 लाख हेक्टेयर में सिंचाई का लक्ष्य है. इस परियोजना से लगभग 4 लाख हेक्टयर में सिंचाई होगी. राजस्थान में 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होगी. कार्यक्रम में महापौर मालती राय, मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, राजस्थान के अपर मुख्य सचिव अभय कुमार, जन प्रतिनिधि तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच सहयोग के पॉइंट
- पर्यटन क्षेत्रों का संयुक्त विकास.
- श्री कृष्ण पाथेय कृष्ण गमन पथ निर्माण.
- खाटू-श्याम, नाथद्वारा, उज्जैन, ओंकारेश्वर के बीच वन्दे भारत ट्रेन और इलेक्ट्रिक बस का संचालन किया जाए.
- राजस्थान मध्यप्रदेश की खनन नीति को अपना कर राजस्व में वृद्धि कर सकता है.
- बजरी का प्रयोग बंद कर स्टोन डस्ट और एम सैण्ड के उपयोग को बढ़ावा.
- आयुर्वेद/आयुष/ पंचकर्म पर्यटन को बढ़ावा देने के संयुक्त प्रयास.
- मध्यप्रदेश पर्यटन की होटल आऊटसोर्सिंग पॉलिसी को राजस्थान अपना सकता है.
- अफीम/डोडा चूरा से जुड़े अपराधियों का डेटा बेस साझा किया जाए और नीलामी पॉलिसी में एकरूपता लाई जाए.
- दोनों राज्यों की सीमा पर स्थित मेडिकल कॉलेज की स्थिति/ दूरी का सुव्यवस्थीकरण किया जाए.
- कूनो से लगे राजस्थान के वन क्षेत्रों को मिलाकर एक संयुक्त बड़ा राष्ट्रीय पार्क बनाया जाए.
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