एमपी- MP: पानी में बह गए 304 करोड़, धार का कारम बांध अब तक नहीं बना; 2 साल पहले आई थी दरार… रातों-रात खाली हुए थे गांव – INA

आज इस देश की आजादी को 78 साल हो गए हैं… आजादी के इस सफर को तय करते हुए हम काफी आगे आ चुके हैं लेकिन अब भी बहुत सा काम बाकी है. बहुत लंबा रास्ता तय करना है. आज भी देश में कुछ जगह इस बात का इंतजार हो रहा है कि वहां अच्छी सड़कें हों, सही तरह की सुविधाएं मिल सकें लेकिन फिर भी ऐसा हो नहीं पा रहा. ताजा मामला एमपी के धार से सामने आया है.

मध्य प्रदेश के धार जिले के कारम डैम का नाम फिर से सुर्खियों में है. 14 अगस्त 2022 को इस बांध के मिट्टी वाले हिस्से में कटाव करके आपदा का पानी बाहर छोड़ दिया गया था. बांध पूरी क्षमता के साथ भरा हुआ था और ऐसे में न केवल यह पानी बह गया था बल्कि 10500 हेक्टेयर में सिंचाई करने की उम्मीदें भी टूट गई थी. मध्य प्रदेश सरकार ने बांध के सुधार की बात कही थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

304 करोड़ रुपये की लागत से बने इस बांध में दरारें आ गई हैं. अगस्त 2022 में रिसाव होने के बाद बांध टूटने के डर से प्रशासन ने कई गांवों को रातों-रात खाली करवाया था. उसके बाद से कारम बांध टूटा ही पड़ा है और बांध बनाने में लगे 304 करोड़ रुपये पानी हो रहे हैं.

42 गांवों के किसानों को मिलता लाभ

अगर साल 2022 में टूटा बांध 2023 तक भी फिर से बना लिया जाता तो बीते दो साल की बारिश का लाखों गैलन पानी इसमें सहेजा जा सकता था. इस पानी से धरमपुरी ब्लाक के 27 गांवों, उमरबन के सात और महेश्वर तहसील के आठ गांवों के किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पानी मिल सकता था. साथ ही इस परियोजना से ओंकारेश्वर परियोजना की नहर फेस-4 के ऊपर आने वाले किसानों को भी बड़ा लाभ मिलेता, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा.

अब नया दावा

बांध में आई दरारों की कई बार शिकायत की गई है. अब जाकर जांच शुरू की गई है. विभागीय जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन कार्रवाई का कोई पता नहीं है. केंद्रीय जल आयोग ने जांच रिपोर्ट पेश कर दी है. इसके आधार पर आगे काम होना है. केंद्रीय जल आयोग की टीम ने जांच की थी. उनके द्वारा जो अनुशंसा की गई है, उसके अनुसार बांध का निर्माण किया जाना है. अधिकारियों का कहना है बारिश के बाद बांध को ठीक करने का काम किया जाएगा.


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