खबर मध्यप्रदेश – लीजिए पैसा सर… जब छात्रों ने कुलपति राजेश वर्मा के टेबल पर लगाया नकली नोटों का ढेर – INA

जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में गुरुवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया. एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय के कुलपति राजेश वर्मा के खिलाफ विरोध जताते हुए नकली नोटों का ढेर कुलपति की टेबल पर रख दिया. यह वाक्या तब हुआ, जब विश्वविद्यालय में एक बैठक चल रही थी, जिसमें वरिष्ठ प्रोफेसर्स और कुलपति मौजूद थे. नकली नोटों को उड़ाने और टेबल पर रखने से सभा में अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई.

एनएसयूआई का आरोप है कि राजेश वर्मा की कुलपति पद पर नियुक्ति नियमों के खिलाफ जाकर की गई है. कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि राजेश वर्मा ने इस पद को पैसे के बल पर हासिल किया है. उनके अनुसार, यह नियुक्ति न केवल विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि शैक्षणिक और नैतिक मूल्यों के भी खिलाफ है. एनएसयूआई ने राजेश वर्मा को अपात्र बताते हुए उनके तत्काल इस्तीफे की मांग की.

प्रदर्शन का अनोखा तरीका

प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई के कार्यकर्ता नकली नोट लेकर विश्वविद्यालय पहुंचे. उन्होंने बैठक में प्रवेश कर नकली नोटों को उछालते हुए कुलपति को भेंट किया. इस प्रदर्शन का उद्देश्य कुलपति पर लगे ‘पैसे देकर पद हासिल करने’ के आरोपों को प्रतीकात्मक रूप से सामने रखना था. कार्यकर्ताओं ने इसे भ्रष्टाचार और योग्यता के खिलाफ बताया.

एनएसयूआई का क्या है आरोप?

एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष सचिन रजक ने कहा कि हमारी मांग है कि राजेश वर्मा तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें. उनकी नियुक्ति में नियमों का उल्लंघन हुआ है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यदि हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो हम आंदोलन को और तेज करेंगे.

विश्वविद्यालय प्रशासन ने क्या कहा?

वहीं विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि राजेश वर्मा की कुलपति पद पर नियुक्ति शासकीय अधिनियम और राज्यपाल द्वारा की गई है. प्रदर्शनकारियों को पहले नियम और प्रतिक्रिया की जानकारी लेना चाहिए, क्योंकि यूजीसी रेगुलेशन एक्ट के तहत नियुक्ति हुई है. अगर किसी को आपत्ति है तो वह हाई कोर्ट या राज्यपाल के समक्ष शिकायत कर सकता है.


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