खबर शहर , Agra News: 39 साल, 326 तारीखें अंत में फाइल हो गई दाखिल दफ्तर – INA

मैनपुरी।

कोतवाली क्षेत्र में 43 साल पहले घर से ले जाकर एक युवक की एनकाउंटर के नाम पर हत्या करने वाले फरार पुलिस कर्मियों की प्रदेश की पुलिस आज तक तलाश नहीं कर सकी है। फरार पुलिस कमियों का पता नहीं चलने पर तत्कालीन सीजेएम तेंद्रपाल उनके खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी करके सुनवाई बंद कर चुके हैं। यह फाइल दाखिल दफ्तर हो चुकी है।

मोहल्ला सोतियाना निवासी रमाकांत पाठक का 20 अक्तूबर 1981 को कोतवाली पुलिस ने एनकाउंटर किया था। रमाकांत के पिता रामशंकर की शिकायत पर हुई सीबीसीआईडी जांच में तत्कालीन सीओ शीलभद्र धर द्विवेदी, इंस्पेक्टर प्रमेंद्र सिंह, एसआई होतीलाल यादव, महावीर सिंह, वीरेंद्र सिंह, सतीश मोहन गोस्वामी, मोहर सिंह वर्मा, कांस्टेबल गेंदालाल, रामलाल, ध्रुव नरायन, चंद्रभान, जीप चालक राजपाल सिंह को रमाकांत को घर से ले जाकर हत्या करने का दोषी पाया था। सीबीसीआईडी द्वारा अदालत में दी गई चार्जशीट के बाद आरोपी पुलिसकर्मी अदालत से जारी सम्मन और वारंट के बाद भी अदालत में हाजिर नहीं हुए।

मुकदमे में 326 तारीखें पड़ने के बाद भी पुलिसकर्मी नहीं पकड़े जानेे पर तीन साल पहले तत्कालीन सीजेएम तेंद्रपाल ने मुकदमे में पुलिस की लापरवाही पर नाराजगी जताई। आरोपी पुलिसकर्मियों को फरार घोषित करके उनकी कुर्की कराने के आदेश प्रदेश के डीजीपी को दिए। आदेश में लिखा कि ऐसा प्रतीत होता है पूरा सिस्टम आरोपी पुलिसकर्मियों को बचाने में लगा हुआ है। सीजेएम के पत्र के बाद भी पुलिस फरार पुलिस कर्मियों को तलाश नहीं पाई। तब पुलिस कर्मियों के स्थायी वारंट जारी करके फाइल को दाखिल दफ्तर किया गया। रमाकांत की हत्या करने के आरोपी तत्कालीन सीओ और इंस्पेक्टर, रमाकांत के माता, पिता सहित एक गवाह की भी मौत हो चुकी है। मौत संबंधी अभिलेख फाइल में उपलब्ध हैं।

यह था मामला

सोतियाना निवासी रमाकांत पाठक को कोतवाली पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया। उसके शव के पास से तमंचा बरामद करके पुलिस ने रमाकांत केे खिलाफ पुलिस पर फायरिंग करने की रिपोर्ट भी दर्ज की। रमाकांत की मां ने कोतवाली पुलिस पर रमाकांत को घर से ले जाकर मारने का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री को टेलीग्राम किया। सीबीसीआईडी ने जांच में रमाकांत के खिलाफ दर्ज किए गए फायरिंग के मामले को झूठा पाया। तत्कालीन सीओ सिटी शीलभद्र धर द्विवेदी, इंस्पेक्टर कोतवाली प्रमेंद्र सिंह सहित 12 पुलिस कर्मियों को रमाकंात की हत्या करने का दोषी पाकर मुकदमे की सुनवाई के लिए चार्जशीट कोर्ट में दी थी। सीजेएम न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान केवल तारीखें ही लगती रहीं।

पुलिस को क्यों नहीं मिल रहे पुलिसकर्मी

तत्कालीन सीजेएम तेंद्रपाल ने डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह को लिखे पत्र में कहा था कि फरार पुलिसकर्मियों का पूरा ब्योरा उनकी सर्विस बुक सहित पुलिस विभाग के अभिलेखों में उपलब्ध होगा। पुलिसकर्मियों में से अधिकांश रिटायर भी हो गए होंगे। वहीं कुछ की मौत होने की भी संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। पूरा सिस्टम आरोपियों को बचा रहा है। जो चिंताजनक है।


Credit By Amar Ujala

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