यूपी- 3 घंटे, 30 किलोमीटर और लहरों से लड़ाई… गंगा में गिरी युवती की ऐसे बची जान – INA
यूपी के गाजीपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया. शहर में बहने वाली गंगा नदी इन दिनों उफान पर है, ऐसे में बड़े से बड़ा तैराक भी गंगा की लहरों से पंगा नहीं लेना चाहता. लेकिन देर शाम कुछ ऐसा हुआ जिसे सुनने और जानने के बाद हर कोई दातों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गया. बुधवार की शाम एक युवती गंगा किनारे शमशान घाट के पास बैठी थी, तभी अचानक उसका पैर फिसल गया और वह गंगा में गिर गई. फिर वह बहते-बहते 30 किलोमीटर दूर शेरपुर गांव तक पहुंच गई और इस दौरान वह बचाओ-बचाओ की आवाज लगाती रही.
इस आवाज को सुनकर नाव पर सवार मल्लाह समाज के लोगों ने युवती को गंगा से निकालकर उसकी जान बचाई. मानसिक रूप से पीड़ित युवती गरिमा बिरनो इलाके की रहने वाली है. परिजनों का कहना है कि जब उसके सर में जब दर्द शुरू होता है तब उसे कुछ भी समझ में नहीं आता. इसी दौरान वह बिरनो से गाजीपुर तक पहुंच गई और शमशान घाट के पास गंगा किनारे जाकर बैठ गई. अचानक से उसका पैर फिसला और वह गंगा में गिर गई.
30 किलोमीटर तक बहती रही युवती
इस दौरान उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और वह लहरों के साथ बहती चली गई. उसे थोड़ा बहुत तैरने भी आता था जिसके चलते वह जब शेरपुर गांव के आसपास पहुंची तो वहां पर कुछ मल्लाहों को देखकर अपना हाथ ऊपर कर बचाओ-बचाओ की आवाज लगाई. तब वहां नाव पर सवार मल्लाहों ने उसे गंगा नदी से बाहर निकाला जिससे उसकी जान बच पाई. गंगा में गिरने और करीब 30 किलोमीटर तक बहने के बावजूद जब मल्लाहों ने युवती को बाहर निकाला तो वह पूरी तरह से स्वस्थ मिली. इसे लोग चमत्कार मान रहे हैं. घटना की जानकारी मिलते ही भांवरकोल पुलिस भी गंगाघाट पहुंची और युवती का प्राथमिक उपचार करने के बाद उसके परिजनों को जानकारी दी और उसे थाने लेकर गई.
मल्लाहों ने बचाई युवती की जान
युवती के परिजन भी कुछ देर बाद थाने पहुंचे और युवती को लेकर अपने साथ वापस गांव चले गए. थानाध्यक्ष भांवरकोल विवेक कुमार तिवारी ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि कोई लड़की गंगा नदी में बहते हुए आ रही है जिस पर उन्होंने तुरंत आरक्षी सुशील कुमार पांडे और जितेश कुमार को गंगा तट पर भेजा था, जहां मल्लाहों की मदद से किशोरी गरिमा को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और परिजनों को इसकी सूचना देकर उसे उनके साथ गांव भेज दिया गया.
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