यूपी- प्रयागराज में सांडों के सामने बेबस हुआ नगर निगम, अब हेल्प लाइन बचाएगी लोगों को? – INA

प्रयागराज में नगर निगम के लिए आवारा पशु खासकर सांड बहुत बड़ी सिरदर्दी बन गए हैं. पिछली सार युद्ध स्तर पर सांडों से निपटने के लिए अभियान शुरू किया गया था जिसमें पीएसी को उतारने का प्लान बनाया गया था. हालांकि इस अभियान का कुछ खास रिजल्ट नहीं निकला और हालात जस के तस बने हुए हैं. फिलहाल पूरे मामले में अब नगर निगम की हालत पस्त दिखाई दे रही है. अब सांडों से लोगों को बचाने के लिए प्रयागराज में हेल्प लाइन नंबर जारी किए गए हैं.

नगर निगम प्रयागराज ने अपनी अपील में लिखा है कि प्रयागराज में सड़कों पर छुट्टा सांड़ घूम रहे हैं. इससे आए दिन घटनाएं भी हो रही हैं. शहर में इस समय 325 सांडों की गणना हुई है. ऐसे में नगर निगम के पशु कल्याण विभाग ने शहरवासियों से अपील की है कि नगर निगम सीमा क्षेत्र के अंदर यदि कहीं पर छुट्टा सांड़ घूमता दिखाई देता है तो तत्काल उसे नगर निगम के इन हेल्प लाइन नंबर पर कॉल करके निगम को सूचित कर निगम की मदद करें.

जारी हेल्प लाइन नंबर हैं 8303701102, 8303701076 और 8303701367 . नगर निगम के पशुधन और पशु कल्याण अधिकारी विजय अमृत राज बताते हैं कि शहर में साड़ों के आतंक ने नगर निगम को नाकों चने चबवा दिए हैं. हर चौराहे गली पर सांडोंका अघोषित कब्जा है. सांडोंने हमले करके कई लोगों को जख्मी भी किया है जिसमें दो लोगों की जान भी चली गई है.

पीएसी की मांग भी कर चुका निगम

सांड और आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए जाने वाली नगर निगम की टीमों पर पशुपालकों की तरफ से लगातार हमले किए जा रहे हैं. जिससे नगर निगम के पशुधन अधिकारी सहित कई कर्मचारी घायल हो चुके हैं. प्रयागराज नगर निगम के पशुधन अधिकारी विजय अमृतराज बताते हैं कि पिछले 1 महीने में आवारा पशुओं और सांडों को पकड़ने गई नगर निगम की टीम पर 25 हमले हुए हैं. यहां तक कि पशुपालकों ने उनके ऊपर भी हमला कर दिया था. जिसके बाद उन्हें 7 दिन तक अपना ट्रीटमेंट कराना पड़ा.

क्या हैं नियम

नगर निगम की नियमावली के मुताबिक जब भी नगर निगम की टीमें आवारा पशुओं को पकड़ने जाएंगे तब उनके लिए पुलिस बल उपलब्ध कराएगी. नगर निगम के पशुधन अधिकारी विजय अमृतराज का कहना है कि निगम की तरफ से इस कार्य के लिए कई बार पुलिस बल की मांग की गई लेकिन पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया गया. इसीलिए अवैध पशुपालकों और डेयरी चलाने वालों पर असरदार कार्यवाही नहीं हो सकी. इसकी वजह से नगर निगम ने पीएसी की मांग की है . नगर निगम की इस मांग को पीएसी के आला अधिकारियों ने मानने से इंकार कर दिया और उन्हें पीएसी नही मिली.


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