यूपी – Hamirpur: सामूहिक हत्याकांड में दो दोषियों को उम्रकैद, एक पर एक लाख तीन हजार व दूसरे पर 50 हजार अर्थदंड लगाया – INA

चुनावी रंजिश को लेकर हुए सामूहिक हत्याकांड के सात साल पुराने में मामले में विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट सुशील कुमार खरवार की अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत ने दो दोषियों को हत्या व एससी-एसटी मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। एक पर एक लाख तीन हजार व दूसरे पर 50 हजार का अर्थदंड लगाया है। जबकि साक्ष्यों के अभाव में दो को दोषमुक्त किया है।

दोषियों को जुर्माना न भरने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। राठ थानाक्षेत्र के अकौना गांव निवासी वादी श्याम बिहारी अहिरवार ने तहरीर में बताया था कि ग्राम प्रधान के चुनाव को लेकर वर्तमान प्रधान जुलेखा के पति महबूब खां से चुनाव में हारी प्रधान पद की उम्मीदवार भगवती देवी के पति लालदीवान व उनके रिश्तेदार रंजिश मानते थे। इस वजह से 27 नवंबर 2016 को दोपहर करीब एक बजे गांव में आरसीसी सड़क बनवाई जा रही थी। इसका विरोध करते हुए आरोपी महेंद्र सिंह लोधी, जितेंद्र सिंह, करन सिंह, महेश व हरिचरन तमंचा व राइफल लेकर गांव में आ गए।


उन्होंने सड़क बनवा रहे प्रधानपति महबूब खां को मारने के लिए उन पर फायर कर दिया। प्रधानपति ने किसी तरह सूरज के घर में घुसकर जान बचाई। वहीं, महेंद्र सिंह ने अपनी राइफल से भगवती उर्फ मुन्ना को उसी के दरवाजे पर बन रही सड़क पर गोली मार दी। उसके बाद जितेंद्र सिंह ने तमंचे से उसके भाई बाबूलाल को पशुबाड़े में गोली मार दी। धनीराम बीच बचाव करने दौड़ा तो करन सिंह अपने पिता की लाइसेंसी राइफल से धनीराम को भी गोली मार दी। जान बचाकर भाग रहे परमेश्वरी दयाल के सीने में महेश लोधी ने तमंचे से गोली मार दी। वहीं हरिचरन सिंह जाति सूचक शब्द कहे।


बताया कि पांचों लोग राइफल व तमंचे से कई राउंड फायर कर भाग गए। मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों महेंद्र सिंह लोधी, जीतेंद्र सिंह, करन सिंह, महेश व हरचरन के खिलाफ एससी-एसटी सहित हत्या व हत्या की कोशिश आदि धाराओं में मामला दर्जकर आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था।

अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में महेंद्र व जीतेंद्र को दोषमुक्त किया है। जबकि महेश व करन को एससी-एसटी एक्ट, हत्या व हत्या की कोशिश में दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी करन पर मृतक भगवती उर्फ मुन्ना, धनीराम व बाबूलाल के परिवार को क्षतिपूर्ति के रूप में एक-एक लाख रुपये दिए जाने का आदेश दिया है। वहीं दोषी महेश कुमार घायल परमेश्वरी दयाल को क्षतिपूर्ति के रूप में 50 हजार रुपये देगा। जबकि एक आरोपी हरचरन की मुकदमा दौरान जिला कारागार में मौत हो गई थी।


एनएसए रिपोर्ट के तहत करन ने दिया घटना को अंजाम
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था। बाद में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) रिपोर्ट में करन को मुख्य आरोपी माना गया। जिसके चलते अदालत ने दो आरोपियों महेंद्र व जीतेंद्र को दोषमुक्त किया है। वहीं दोषी करन व महेश को सजा सुनाई है।

घटना के तीन दिन बाद लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई
घटना के तीन दिन बाद 30 नवंबर 2016 को तत्कालीन एसएचओ अशोक कुमार सिंह ने आरोपी महेंद्र सिंह राजपूत व हरचरन के राइफल के लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की थी। साथ ही पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की थी। जो मामला गैंगस्टर कोर्ट में विचाराधीन है।


Credit By Amar Ujala

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