यूपी – आस्था बनाम अनदेखी: कहीं हो रही गोमाता की पूजा, कहीं प्लास्टिक-कूड़ा खा रहीं गायें – INA

गोपाष्टमी पर जहां आज अलीगढ़ जिले भर में गोमाता की पूजा हो रही है तो वहीं, गोशालाओं में गोवंश की बेकद्री हो रही है। गोवंशों के चारे के लिए चार महीने से पैसे नहीं मिले हैं, ऐसे में गोशाला में गायें कहीं प्लास्टिक खा रही हैं तो कहीं सड़क किनारे कूड़े में भोजन तलाश रही हैं।

जिले में स्थाई, अस्थाई और कांजी हाउस समेत कुल 155 गोवंश आश्रय स्थल हैं। इनमें 17 हजार से अधिक बेसहारा गोवंश हैं। इनके लिए सरकार प्रति गोवंश पर प्रतिदिन के हिसाब से 50 रुपये खर्च कर चारा उपलब्ध करा रही है, मगर जिले में जुलाई से चारे का पैसा ही नहीं दिया गया है। गोशालाओं में कई गायें बीमार हैं तो वहीं कई मरन्नासन्न अवस्था में है। नगर निगम के आगरा रोड स्थित कान्हा गोशाला में करीब 356 गोवंश हैं। इसमें तीन की हालत बेहद दयनीय है। इनकी हड्डियां तक दिखाई देने लगी हैं।

अलीगढ़ जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में बने गोशालाओं से चारा के लिए आई मांग को . बढ़ा दिया गया है। जून तक की धनराशि पंचायतों के खाते में पहुंच चुकी है। जुलाई और अगस्त की धनराशि जल्द ही पहुंच जाएगी। बीमारी गोवंश का उपचार किया जाता है। – एनएन शुक्ला, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।

वीरपुरा गोशाला में नहीं है टिनशेड


गभाना के गांव वीरपुरा स्थित गोशाला में गोवंश खुले आसमान के नीचे है। टिनशेड नहीं है। ठंड का मौसम शुरू हो रहा है, मगर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। भूसा भी खुले में रखा गया है। यहां पर कुल 179 गोवंश मौजूद हैं। संचालक की माने तो डॉक्टर पशुओं का परीक्षण करने आते रहते हैं। 

विजयगढ़ गोशाला में चारे की व्यवस्था नहीं
विजयगढ़ की आदर्श नगर पंचायत विजयगढ़ की गोशाला में 34 बेसहारा गोवंश है। इनको खाने के लिए पुआल दिया जा रहा है। इस समय हरा चारा नहीं है। नगर पंचायत सफाई कर्मचारी विशाल व बबलू ने बताया कि डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह हफ्ते में दो बार उपचार करने आते हैं। समाजसेवी हरीश गर्ग के द्वारा चारे की व्यवस्था की जाती है।

गोवंश को हरे चारे की दरकार
गोंडा ब्लॉक की ग्राम पंचायत नगला मानसुजान के माजरा जगदेव नगरिया में स्थित गोशाला में करीब 62 गाय व 18 सांड़ हैं। सूखे चारे की व्यवस्था है, लेकिन हरा चारा नहीं है। बंद बाड़े का निर्माण हो चुका है। ग्राम प्रधान बच्चन सिंह ने बताया कि हरे चारे के लिए गोशाला की जमीन पर बरसीम, जई आदि की बुआई कर दी गई है। पशु चिकित्सक सप्ताह में एक दिन आते हैं।


Credit By Amar Ujala

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