यूपी – 69000 शिक्षक भर्ती: डिप्टी सीएम केशव के आवास का घेराव करने जा रहे थे अभ्यर्थी, उपमुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन – INA
69000 शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया। अभ्यर्थी हाईकोर्ट लखनऊ की डबल बेंच के आदेश का पालन करने मांग कर रहे थे। यहां उनकी पुलिस से तीखी झड़प भी हुई। हालांकि बाद में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
अभ्यर्थियों ने कहा हाईकोर्ट का जो फैसला आया है, सरकार उसे जल्द से जल्द लागू करें। आरक्षित वर्ग अभ्यर्थियों को न्याय देते हुए उनकी नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त करें। उससे पहले दागी अधिकारियों को तत्काल हटाकर नए अधिकारी नियुक्त करें। ताकि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी रूप से पूरा किया जा सके। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल व विजय यादव ने कहा कि 2018 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी।
काफी अभ्यर्थी तब से अब तक लड़ाई लड़ रहे हैं। जब 2024 को उनको न्याय पाने का अवसर आया तो सरकार इस प्रकरण में हीला-हवाली कर रही है। जल्द से जल्द विभाग एक शेड्यूल जारी करके बताएं कि हम पीड़ितों की नियुक्ति कब तक करेंगे। अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा। पुलिस के द्वारा जबर्दस्ती अभ्यर्थियों को उठाकर बस में भरकर ईको गार्डेन पहुंचाया। वहीं एक प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य से वार्ता की।
एक अभ्यर्थी की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
धरना-प्रदर्शन के दौरान आजमगढ़ निवासी मोहम्मद इरशाद को सीने में तेज दर्द होने लगा। उनको सिविल अस्पताल इमरजेंसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया। स्थिति में सुधार न होता देख परिजन व साथी इरशाद को गोमती नगर स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि इरशाद को हार्ट अटैक पड़ा है। अस्पताल में इलाज चल रहा है।
अभ्यर्थियों की प्रमुख मांग
– हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाए
– नई सूची बनाकर तत्काल नियुक्ति की जाए
– पुरानी सूची बनाने वाले अधिकारियों को हटाया जाए
– नए अधिकारीयों को सूची बनाने की जिम्मेदारी दी जाए
अधिकारियों को तत्काल हाईकोर्ट के आदेश का पालन का निर्देश
उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने एक्स पर अभ्यर्थियों का ज्ञापन लेते हुए फोटो साझा करते हुए लिखा आज अपनी नियुक्ति के लिए प्रतीक्षारत उन दलित-पिछड़ा वर्ग के शिक्षकों से मिला जो हाईकोर्ट के फैसले से अपना न्यायपूर्ण हक पाने के बाद अपनी नियुक्ति के लिए बेसब्री से इंतजार में हैं। उनका ज्ञापन लेकर संबंधित अधिकारियों को तत्काल हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने के निर्देश दिए।