खबर शहर , पुराने पन्नों से: जब भेड़ियों को मारने के लिए उतारनी पड़ी थी सेना, छह बच्चों को खा गए थे; सैकड़ों का था आतंक – INA

उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़ियों के हमले से लोग दहशत में हैं। 100 से ज्यादा भेड़ियों की आशंका ने बहराइच प्रशासन को परेशान कर रखा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक इसे लेकर चिंता में हैं। ठीक 74 साल पहले ठीक इसी तरह भेड़ियों का आतंक लखनऊ समेत प्रदेश में इस कदर था कि आदमखोर हो चुके भेड़ियों को मारने के लिए सेना की मदद ली गई थी।

अमर उजाला के पुराने पन्नों में भेड़ियों का आतंक दर्ज है। बात सितंबर 1950 की है, जब लखनऊ में भेड़ियों ने तीन लोगों को एक ही रात में हमला कर मार दिया था। कई बच्चों को उठाकर ले गए, तब प्रदेश सरकार ने पीएसी की पूरी बटालियन के साथ पुलिस को उतारा। कई दिनों की मशक्कत के बाद जब भेड़िये खत्म न हुए तो सेना को उतारा गया।


लखनऊ में भेड़ियों को मारने के लिए सेना के साथ 400 शिकारियों को भी लगाया गया था। 25 दिन की मेहनत के बाद सेना और पीएसी के जवान मिलकर चार भेड़ियों को मार पाए थे। लखनऊ में तब इस कदर भेड़ियों का आतंक था कि लोग घरों में भी मचान बनाकर बच्चों को सुला रहे थे। मोहल्लों में रक्षा दल बनाए गए थे, जो रात में गश्त करते थे।
 


आगरा में डीएम के बंगले में भेड़िये को गोली मारी

अमर उजाला आर्काइव के पन्नों में दर्ज है कि 1950 में ही आगरा के तत्कालीन डीएम एचसी गुप्ता के बंगले में भेड़िया घुस आया। कई दिनों तक हमले के बाद पुलिस ने भेड़िये को घेरा और पुलिस लाइन से डिप्टी एसपी एके जोशी को बुलाया गया। 
 


उन्होंने भेड़िये को चार गोलियां मारकर उसका आतंक खत्म किया। अगले साल 1951 में फिर से डीएम आगरा के बंगले में एक और भेड़िया आ गया, जिसे गुफा से बाहर निकालने के लिए पानी भरना पड़ा। पानी भरने पर वह बाहर आया और पुलिसकर्मियों ने जाल डालकर उस भेड़िये को पकड़ा।


फिरोजाबाद में छह बच्चों को खा गए थे…

वर्ष 1951 में फिरोजाबाद, आगरा की ही तहसील था। यहां तब भेड़ियों ने आतंक मचा दिया। तब छह बच्चों को दो दिन में भेड़िये उठा ले गए। यमुना किनारे के गांवों में भेड़ियों की दहशत ऐसी थी कि दिन में भी लोग निकलना छोड़ दिए थे। एक साल बाद वर्ष 1952 में तत्कालीन हीविट पार्क (अब पालीवाल पार्क) में भेड़ियों ने लोगों पर हमला किया था। तब डीएम से भेड़ियों को मारने की मांग करते हुए उनसे लोग मिलने आए थे।


Credit By Amar Ujala

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