यूपी – पत्नी की बेवफाई: शादी के बाद लगी सरकारी नौकरी, फिर पति को बेरोजगार बताकर छोड़ दी ससुराल – INA

पति को अपमानित कर व बेटे से न मिलने देकर पत्नी ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है। इसलिए पति विवाह विच्छेद की डिक्री पाने का अधिकारी है। इसी टिप्पणी के साथ पारिवारिक न्यायालय की अपर प्रमुख न्यायाधीश चतुर्थ ने पति की तलाक की अर्जी मंजूर कर ली है। प्रेम विवाह के बाद पत्नी की सरकारी नौकरी लग गई, तो उसने पति को बेरोजगार बताकर ससुराल छोड़ दिया था। तब पति ने कोर्ट से तलाक की याचना की थी।

बर्रा विश्व बैंक कालोनी निवासी युवक और सर्वोदयनगर क्षेत्र की युवती फार्मेसी के छात्र थे। पढ़ाई के दौरान हुआ प्रेम परवान चढ़ा और 21 फरवरी 2008 को दोनों विवाह बंधन में बंध गए। पति ने पत्नी को वर्ष 2009-10 में बीएड कराया। दोनों के दो बच्चे भी हुए। सास की तबीयत खराब होने पर पत्नी एक बेटे को लेकर यह कहकर ससुराल से चली गई कि वह कोई नौकरानी, आया या नर्स नहीं जो बीमार के साथ रहे। वर्ष 2012 में पति-पत्नी अलग रहने को राजी हुए।


वर्ष 2015 में पत्नी का चयन सरकारी अध्यापिका के रूप में इटावा में हो गया तो वह पति को बेरोजगार होने का ताना देकर इटावा में ही एक बच्चे के साथ रहने लगी। पति का आरोप है कि वर्ष 2018 में पत्नी ने भाई के साथ मिलकर मारपीट की और दूसरे बच्चे को भी ले जाने का प्रयास किया।


अधिवक्ता अनूप शुक्ला ने बताया कि पति ने विवाह विच्छेद के लिए वाद दाखिल किया लेकिन पत्नी ने न्यायालय में कोई जवाब दाखिल नहीं किया। इस पर कोर्ट ने एकपक्षीय रूप से पति की विवाह विच्छेद की याचना स्वीकार कर ली। पति-पत्नी के बीच दहेज प्रताड़ना व बड़े बेटे की अभिरक्षा के लिए गार्जियन एंड वार्डस एक्ट का वाद अभी लंबित है।


Credit By Amar Ujala

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