यूपी – BHU PhD Admission: बीएचयू में पीएचडी की 1000 सीटों पर हो सकता है दाखिला, विभागों ने भेजा खाली सीटों का ब्योरा – INA

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में सत्र 2024-25 के लिए पीएचडी पाठ्यक्रम में दाखिले की तैयारी शुरू हो गई है। विभागों ने पीएचडी प्रवेश कमेटी को खाली सीटों का ब्योरा भेज दिया है। प्रवेश समिति विभागों से मिले आंकड़े को कंपाइल कर बुलेटिन निकालने की तैयारी में जुट गई है। इस बार लगभग 1000 सीटों पर प्रवेश का अनुमान है। पिछली बार 1400 सीटों पर प्रवेश हुआ था। माना जा रहा है कि इस बार पीएचडी सीटों की संख्या कम हाेगी।

पिछले साल प्रवेश प्रक्रिया पर छात्र-छात्राओं की ओर से अंगुली उठाने के कारण दिसंबर-जनवरी में प्रवेश शुरू पाया। इस बार यूजीसी ने नेट स्कोर के आधार पर पीएचडी में दाखिले का प्रावधान बना दिया। मगर, 18 जून को कराई गई राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) गड़बड़ी के कारण रद्द हो गई। इस पर निर्भर पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया भी अटक गई। एनटीए ने 21 अगस्त से चार सितंबर तक नेट कराया है। इसके बाद परिणाम का इंतजार होने लगा है।

बीएचयू के अधिकारियों का मानना है कि पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया नेट का रिजल्ट निकलने के आसपास ही जोर पकड़ेगी। उसी समय प्रवेश बुलेटिन जारी की जाएगी। बीएचयू की पीएचडी प्रवेश समिति के अध्यक्ष और अपर परीक्षा नियंता प्रो. जीपी सिंह ने बताया कि विभागों से पीएचडी की खाली सीटों का ब्योरा मिल गया है।

बुलेटिन के लिए सभी विभागों की सीटों की संख्या को समायोजित कराया जा रहा है। इस बार 1000 के आसपास सीटों पर प्रवेश होने का अनुमान है। नेट के रिजल्ट का इंतजार हो रहा है। परिणाम निकलने की तिथि के आसपास ही बुलेटिन जारी किया जाएगा।

हर साल बदलता है पीएचडी की सीटों का आंकड़ा


पीएचडी की सीटों की संख्या निर्धारित नहीं होतीं। यह आंकड़ा हर वर्ष बदलता रहता है। पीएचडी की कितनी सीटों पर प्रवेश लिया जाना है यह प्रोफेसरों और एसोसिएट प्रोफेसरों पर निर्भर करता है। एक प्रोफेसर के पास आठ पीएचडी स्कॉलरों को गाइड करने के लिए सीटें होती हैं। प्रोफेसर के पास जितनी जगह खाली है, वह उतनी पर ही प्रवेश ले सकता है। जरूरी नहीं कि वह हर साल आठ स्कॉलर ही ले। इससे सीटों की संख्या बदल सकती है।


Credit By Amar Ujala

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