यूपी – UP News: भेड़िये की चहलकदमी से दहशत, किशोर पर किया था हमला; तलाश में खेतों की खाक छानती रही वन विभाग की टीम – INA

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में किशोर पर भेड़िये के हमले के बाद जिला वन अधिकारी ने सात सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। सोमवार को टीम ने गांव पहुंच कर पीड़ित किशोर व ग्रामीणों से जानकारी जुटाई। भेड़िये की तलाश के लिए कांबिंग की। इस दौरान पंजों के निशान आदि भी लिए गए। ग्रामीणों को सतर्क रहने की बात कही।

मामला दन्नाहार थाना क्षेत्र के गांव छोटी जरामई का है। गांव में शनिवार रात खेत पर बने घर के बाहर सो रहा प्रांशू आहट होने पर बोरिंग लगी जगह पर पहुंचा। जब उसने बोरिंग पर पड़ी पन्नी हटाई तभी उसमें छिपे भेड़िये ने हमला कर दिया था। 


किशोर पर भेड़िये के हमले की इस घटना के बाद लोग दहशत में हैं। इस खबर को अमर उजाला ने सोमवार के अंक में प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। जिसके बाद संज्ञान लेते हुए जिला वन अधिकारी संजय मल्ल ने भेड़िये की तलाश के लिए सात सदस्यीय टीम का गठन किया है।
 


सोमवार को टीम के अध्यक्ष क्षेत्रीय वन अधिकारी शोएब आलम अंसारी, उप क्षेत्रीय वन अधिकारी दाताराम, वन दरोगा राजेश कुमार, राजेश कुमार प्रथम, शिवा राठौर, वन रक्षक सुशील कुमार और महाराज सिंह जांच करने छोटी जरामई पहुंचे। वहां पहले तो हमले में जख्मी प्रांशू से पूरी घटना की जानकारी ली। 
 


ग्रामीणों के बयान आदि दर्ज किए। टीम ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया हमला करने वाले जानवर के पंजों के निशान भी देखे। क्षेत्र में गश्त कर झाड़ियों आदि में भेड़िये की तलाश की। इस दौरान वन विभाग की टीम के साथ सुरक्षा को लेकर थाने का फोर्स भी मौजूद रहा।
 


जांच टीम ने कहा हो सकता है भटक कर आया हो

वन विभाग की टीम पहले तो जनपद में भेड़ियों की मौजूदगी बात से इन्कार कर रही थी। प्रत्यक्षदर्शी प्रांशू पर हुए हमले और उसके बयान के बारे में पूछा तो कहा कि वैसे तो क्षेत्र में भेड़ियों की संख्या नगण्य है। हो सकता है कि कोई भेड़िया भटक कर गांव की तरफ आ गया हो। हमला करने वाला कौन था, इसके बारे में वह लोग कुछ भी पुख्ता तौर पर तब तक नहीं कह सकते। पंजों के निशान की भी जांच कराई जाएगी।


डरने की नहीं जागरूक रहने की जरूरत

टीम के अध्यक्ष शोएब आलम का कहना है कि अगर भेड़िये का भी हमला हो तब भी ग्रामीणों को भयभीत नहीं जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है। अगर जानवर शिकार के लिए आया होगा तो फिर से आएगा। अगर रास्ता भटक कर आया होगा तो वह भाग गया होगा। ग्रामीणों के साथ ही वन विभाग की टीम भी क्षेत्र में गश्त करेगी।


Credit By Amar Ujala

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