यूपी – नींद बड़ी गहरी है जनाब: पैसा मिलते ही आंखें मूंद लेते जिम्मेदार, फिर चाहें छत पर सवारी ढोएं डग्गामार – INA
मालवाहक सवारियां ढो रहे हैं। बगैर परमिट वाली गाड़ियां धड़ल्ले से दौड़ रही हैं। खटारा जीप क्षमता से अधिक सवारियां बैठाकर लोगों की जान से खेल रही हैं। लेकिन जिम्मेदार खामोश हैं। 9 सितंबर को जब अमर उजाला की टीम पड़ताल करने निकली तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। हालात ऐसे थे कि पुलिस वालों के सामने से डग्गामार गुजर रहे थे। चौराहों पर खड़े होकर सवारियां बैठा रहे थे। मालवाहक वाहनों में ठूंस-ठूंसकर सवारियों को भरा जा रहा था। जब इनके चालकों से बात की गई तो उगाही का पूरा नेटवर्क सामने आ गया। हर चक्कर का पैसा तय है। हर रूट पर अलग रेट है। अगर पैसा चला गया तो पुलिस वाले डग्गामार वाहनों को कहीं रोकेंगे नहीं।
वक्त सुबह 10 बजे। स्थान एटा चुंगी चौराहा
यहां एक लोडर खड़ा था जिसमें सवारियां बैठाई जा रही थीं। नाम न छापने की शर्त पर चालक ने बताया कि वैसे तो हम माल ढोने का काम करते हैं। जब कभी हमें सवारियों मिल जाती हैं तो शहर के किसी भी चौराहे से निकलने पर होमगार्ड व यातायात पुलिसकर्मी द्वारा रोका जाता है। पहले कागज देखे जाते हैं। कागज पूरे होने पर सवारियों के नाम पर चालान की धमकी दी जाती है। फिर अनुरोध करने पर 200 से 500 रुपये देकर बात खत्म हो जाती है।
वक्त सुबह 10-30। स्थान क्वार्सी चौराहा से 300 मीटर दूर (तालानगरी की तरफ) रामघाट रोड
यहां सड़क किनारे एक जीप खड़ी थी। पहले से ही जीप में आठ लोग बैठे थे लेकिन चालक कुछ और सवारियों का इंतजार कर रहा था। जब उससे कहा गया कि अब तो जगह भी नहीं बची जीप में तो कैसे लेकर जाओगे। बोला, अभी देखिए चार सवारी और बैठेंगी। जब कहा गया कि पुलिस कार्रवाई कर देगी तो बोला, सब भाई हैं अपने। हम मदद भी करते हैं उनकी। जरूरत पर साथ देते हैं। पास में खड़ा ठेले वाला बोला..खुलकर कहो कि पैसा जाता है।
वक्त दोपहर को एक बजे। स्थान: गांधी पार्क चौराहा