खबर शहर , Wolf: चंबल के बीहड़ में 20 साल बाद दिखा भेड़िया…उत्साहित हैं वन्यजीव विशेषज्ञ, जानें क्या कहा – INA

बहराइच में भेड़िया का आतंक इन दिनों देशभर में सुर्खियों में है। मैनपुरी में भी भेड़िया दिखाई देने का दावा किया गया है। आगरा के बीहड़ और जंगलों से ये गायब हो चुके थे, लेकिन 20 साल के बाद चंबल के बीहड़ में भेड़िया नजर आया है। नेशनल चंबल सेंक्चुअरी क्षेत्र के नदगवां में भारतीय भेड़िया इस साल जनवरी और जुलाई में नजर आया है। इससे वन्यजीव विशेषज्ञ उत्साहित हैं।

 


लॉयन सफारी के शिक्षा अधिकारी कार्तिक द्विवेदी ने बताया कि इस साल जनवरी में जब वह नदगवां के इंटरप्रिटेशन सेंटर में एक कार्यक्रम में गए तो उन्हें चंबल के बीहड़ में 3 भेड़िये घूूमते दिखे। इनमें से उन्होंने एक को सियार मानते हुए कैमरे में कैद किया। उन्होंने इसका फोटो नेशनल चंबल सेंक्चुअरी के पूर्व डीएफओ दिवाकर श्रीवास्तव को भेजा तो उन्होंने इसके भेड़िया होने की पुष्टि की।


बाद में इसे देहरादून के वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट भेजा गया, जहां विशेषज्ञों ने इसे भारतीय भेड़िया करार दिया। चंबल में यह 20 साल के बाद नजर आया। यहां लकड़बग्घा और सियार नजर आते रहे हैं, पर भेड़िया दिखना वन्यजीव विशेषज्ञों को चौंका गया।

 


भेड़िया बेहद जरूरी
पूर्व डीएफओ दिवाकर श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे ईको सिस्टम और फूड साइकिल के लिए भेड़िया बेहद जरूरी है। यह नदियों के किनारे मांद बनाकर रहते हैं। चंबल में यह दिखा है तो इसे संरक्षण की जरूरत है। शेर और बाघ की तरह इन्हें भी सुरक्षित रखने की कवायद होनी चाहिए।


ऑपरेशन में हो गए खत्म
पूर्व डीएफओ आनंद कुमार ने बताया कि 1994 में ऑपरेशन भेड़िया ने बड़ी संख्या में भेड़ियों को खत्म कर दिया, जबकि यह जंंगल के लिए जरूरी हैं। बहराइच की घटना में भेड़ियों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। यह गलत है, इनके संरक्षण की जरूरत है, न कि मारने की।

 


मांद में पानी घुसने पर निकलते हैं बाहर
पूर्व डीएफओ दिवाकर श्रीवास्तव ने बहराइच की घटना के बाद 1950 से लेकर अब तक हुई घटनाओं का अध्ययन किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 1950 के सितंबर में, 1994 में भी सितंबर में और अब 2024 में भी सितंबर में भेड़ियों के खिलाफ माहौल बना है। दरअसल, नदियों में बाढ़ के कारण भेड़ियों की मांद में पानी भर जाता है, इसलिए वह बाहर निकलते हैं। हर बार अगस्त-सितंबर में ही उनके आतंकी की कहानियां सामने आती हैं। 30 साल पहले लखनऊ में गोमती नदी के पास और जौनपुर क्षेत्र में भेड़िये इसी सीजन में दिखे थे।


Credit By Amar Ujala

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