यूपी- Varanasi: DM साहब को पता नहीं, खुद की ऑफिस के नीचे बना फर्जी कार्यालय; बांटे जा रहे थे कांशीराम आवास – INA
वाराणसी में कचहरी परिसर में DM कार्यालय के नीचे तीन साल से फर्जी कार्यालय बनाकर आवास दिलाने के नाम पर लूट की खबर सामने आई है. कांशीराम गरीब शहरी आवास योजना का कार्यालय तीन साल पहले नगर निगम को हैंड ओवर कर दिया गया था, लेकिन तीन साल से रिटायर्ड बाबू राम वृक्ष अपने कई साथियों के साथ मिलकर यहां से फर्जी कार्यालय चलाता था. प्रशासन को जानकारी हुई तो राम वृक्ष ताला लगाकर फरार हो गया.
अभी भी लाभार्थी आवास की आस में यहां पहुंच रहे हैं और ताला बंद देखकर परेशान हो रहे हैं. चूंकि ज्यादातर गरीब लोग ही आवास की आस में यहां पहुंचते थे, इसलिए मामला ज्यादा संवेदनशील है. राम वृक्ष अपने साथियों के साथ इतनी सफाई के साथ ये काम करता था कि कचहरी परिसर के वकीलों तक को खबर नहीं हुई. एडवोकेट मिथिलेश यादव की चौकी (चैंबर) बिल्कुल फर्जी कार्यालय के बगल में है, लेकिन उनको भी तब पता चला जब मीडिया ने इस खबर को उठाया.
आवास दिलाने के नाम पर चल रही थी ठगी!
वकील मिथिलेश यादव बताते हैं कि पहले यहां कांशीराम आवास का कार्यालय था, लेकिन बहुत पहले वो नगर निगम में चला गया है. कुछ दिन तक यहां खनन विभाग का काम होता था, लेकिन तीन साल से राम वृक्ष, उसकी महिला साथी और कुछ अन्य लोग यहां काशीराम आवास योजना के तहत फॉर्म भरवाने से लेकर आवास दिलाने का काम करते थे.
रिटायर्ड बाबू के खिलाफ दर्ज होगी FIR!
चूंकि राम वृक्ष बाबू रह चुका था और DM कार्यालय के नीचे ही सारा काम करता था, इसलिए शक करने जैसा कुछ था ही नहीं. कौन सोच सकता है कि जिलाधिकारी कार्यालय की नाक के नीचे ही भ्र्ष्टाचार होगा. राम वृक्ष ने कितने लोगों से और कितने रुपयों का खेला किया है, ये जांच के बाद ही पता चल पाएगा. एडीएम सिटी का कहना है कि इस मामले में राम वृक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी है.
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