खबर शहर , Kannauj Scandal: भाई को बचाने के लिए किया ट्रांजेक्शन, नीलू ने कबूली सच्चाई…बुआ ने भाजपा नेता पर लगाए ये आरोप – INA

कन्नौज जिले में किशोरी दुष्कर्म कांड के सहआरोपी पूर्व ब्लॉक प्रमुख नीलू यादव और पीड़िता की बुआ ने पुलिस की कस्टडी रिमांड के दौरान कई अहम राज खोले हैं। दोनों ने पुलिस को बताया कि मुख्य आरोपी नवाब सिंह को बचाने का उन्होंने भरसक प्रयास किया था। नीलू ने भाई को बचाने के लिए किशोरी का मेडिकल परीक्षण न करवाने तथा कोर्ट में बयान न देने के एवज में पीड़िता की बुआ को चार लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किया था। पुलिस ने इस संबंध में नीलू के पैतृक गांव से साक्ष्य एकत्र किए हैं।

बुधवार को कोर्ट के आदेश पर किशोरी दुष्कर्म कांड के सह आरोपी नीलू यादव व पीड़िता की बुआ को कड़ी सुरक्षा में जिला कारागार अनौगी से सदर कोतवाली लाया गया। सदर कोतवाल कपिल दुबे की जीप पर नीलू तो महिला थानाध्यक्ष रंजना पांडेय की जीप पर बुआ को लाया गया। एसपी के आदेश पर पूरे रूट की ड्रोन कैमरे से निगरानी की गई तथा सदर कोतवाली को छावनी बना दिया गया। गेट पर बैरियर लगाकर भारी तादाद में पुलिस व पीएसी के जवानों को तैनात किया गया।


आरोपियों के साथ कोर्ट के आदेश पर उनके वकील भी पूरी कार्रवाई के दौरान साथ रहे और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। कोतवाली के बंद कमरे में पर्यवेक्षण अधिकारी सीओ सिटी कमलेश कुमार व विवेचक सदर कोतवाल कपिल दुबे ने दोनों से पूछताछ की। इसके बाद पुलिस नीलू को लेकर उसके पैतृक गांव अड़ंगापुर गई, जहां से कई दस्तावेज बरामद किए। पूछताछ के बाद दोनों को जिला अस्पताल लाया गया, जहां मेडिकल परीक्षण कराने के बाद उन्हें जिला कारागार भेज दिया गया।


अब बुआ ने भाजपा जिलाध्यक्ष पर लगाया आरोप
जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण के लिए पहुंची पीड़िता की बुआ ने भाजपा जिलाध्यक्ष वीर सिंह भदौरिया का नाम लेकर सबको चौंका दिया। मीडिया के सामने उसने कहा कि वीर सिंह भदौरिया समेत दो अन्य लोग इस साजिश में शामिल हैं। जल्द ही वह जेल से छूटकर आएगी तो खुलासा करेगी। वहीं, इस बारे में भाजपा जिलाध्यक्ष वीर सिंह भदौरिया का कहना है कि उनका इस केस से कोई लेना देना नहीं है। मामले को राजनीतिक तूल देने के लिए उनका नाम लिया जा रहा है। इससे पहले वह सपा के कई अन्य नेताओं के नाम ले चुकी है। कई लोगों को वह फर्जी केस में फंसा चुकी है।


पहली बार की गई ड्रोन कैमरे से निगरानी
पुलिस कस्टडी रिमांड पर दोनों आरोपियों को लाने और ले जाने के रूट की पहली बार ड्रोन कैमरे से निगरानी की गई। एसपी के निर्देश पर सर्विलांस टीम ने पूरे रूट की कैमरे से निगरानी की। हाईप्रोफाइल मामला होने के कारण पुलिस कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहती थी। रूट पर संदिग्ध लोगों पर भी नजर रखी गई। एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया कि सुरक्षा कारणाें से कड़े बंदोबस्त किए गए थे। सीओ सिटी और विवेचना में लगी टीम की बैठक बुलाई गई है। इसी सप्ताह चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी जाएगी।


दोनों से दो-दो घंटे हुई पूछताछ, हुई वीडियोग्राफी
एसपी ने बताया कि सदर कोतवाली में आरोपी नीलू यादव व बुआ से कैमरे के सामने दो-दो घंटे पूछताछ की गई। रुपयों के लेनदेन की बात कुबूल की है, लेकिन कई अहम सवालों के जवाब नहीं दिए। हालांकि चार लाख रुपये के लेनदेन के बारे में पुलिस के पास साक्ष्य पहले से ही मौजूद हैं। पुलिस कस्टडी रिमांड के बाद केस और भी मजबूत हो गया है, जिसके आधार पर फास्ट ट्रैक कोर्ट की तरह मुकदमे का ट्रायल कराया जाएगा। इस रिमांड के बाद प्रचलित विवेचना का निस्तारण कर दिया गया।


Credit By Amar Ujala

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