खबर शहर , Shekha Bird Sanctuary: सूबे के सरताज परिंदे सारस ने भरी उड़ान, शेखाझील-अकराबाद में बढ़ी तादाद – INA

सूबे के सरताज पक्षी सारस को अलीगढ़ की हरियाली खूब भा रही है। संरक्षित पक्षी विहार वेटलैंड शेखाझील से अकराबाद तक इन परिंदों की परवाज देखते ही बन रही है। अलीगढ़ जिले में बीते तीन वर्ष में इनकी संख्या 167 से बढ़ कर 194 तक पहुंच गई है। प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस की संख्या बढ़ने से स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार होने के संकेत मिल रहे हैं।

वेटलैंड और धान के खेत इनका सबसे पसंदीदा प्रवास स्थल है। जहां पर इनको पेट भरने और रहने की मनमाफिक जगह मिलती है। जीवन भर एक जोड़े में साथ रहने वाले ये परिंदे बरसात के इस मौसम में प्रजनन करते हैं। इसके बाद अंडों से नये पक्षियों का जन्म होगा। सारस की गणना हर वर्ष होती है, ताकि इनकी संख्या पर नजर रखी जा सके। इनकी गणना में जीपीएस सिस्टम का प्रयोग किया जाता है, ताकि गणना सटीक रहे।

शेखा झील के आस-पास सारस

वन क्षेत्राधिकारी गौरव सिंह ने बताया कि गणना अलीगढ़ वन प्रभाग, रेंज-04 के अलीगढ़, अतरौली, इगलास, गभाना और खैर रेंज में की गई है। 20 टीमों ने आठ दिन तक लगातार काम किया। इसमें जीपीएस युक्त फोटोग्राफी की गई। संरक्षित पक्षी विहार शेखाझील से अकराबाद तक इनकी संख्या सर्वाधिक है।

विदेशों से आए थे 20 हजार मेहमान सारस

सर्दी के मौसम में साइबेरिया, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका महाद्वीप की ठंडी जगहों में बहुत बर्फ जम जाती है। बर्फ के कारण खाने के लिए कुछ नहीं मिलता, प्रजनन के लिए भी अनुकूलता नहीं रहती है। इसलिए विदेशी सारस हजारों किलोमीटर का सफर तय कर भारत जैसे गरम देशों की ओर आते हैं। 2 फरवरी 2024 को वेटलैंड दिवस के मौके पर शेखाझील पर विदेशी सारसों की तादाद लगभग 20 हजार तक थी। नवंबर से फरवरी तक यहां रह कर बच्चे पैदा कर ये मेहमान उन्हें अपने साथ लेकर उड़ जाते हैं।

ऐसे बढ़ी संख्या

  • वर्ष 2021-22 में 167
  • वर्ष 2022-23 में 174
  • वर्ष 2023-24 में 194


Credit By Amar Ujala

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