यूपी – UP: तीन करोड़ की धोखाधड़ी में फंसे थे ले. कर्नल, 800 करोड़ की निवेश का था करार, जेल में बंद थे…हो गई मौत – INA

तीन करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में जेल में बंद रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल विजय कुमार तोमर की मंगलवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उन्होंने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 800 करोड़ रुपये आगरा में निवेश के लिए करार किया था। उनकी कंपनी एवीएस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड ने नूरी गेट की पेठा इकाइयों से निकलने वाले कचरे से बिजली और गैस बनाने के लिए फिनलैंड के क्लीन टेक ग्रुप से हाथ मिलाया था।

फरवरी 2023 में लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट आयोजित की गई थी। इसमें आगरा में बड़े पैमाने पर निवेश के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। उनमें एक कंपनी एवीएस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड थी। रिटायर्ड लेफ्टिनेट कर्नल विजय कुमार तोमर उसके निदेशक थे। उन्होंने कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में नगर विकास विभाग में 800 करोड़ रुपये निवेश के लिए एमओयू किया था।

 


पेठे के कचरे से बिजली व गैस बनाने का प्लांट लगाने के लिए उन्होंने नूरी गेट के पास आठ एकड़ जमीन मांगी थी। फरवरी में मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने जब एमओयू की समीक्षा की तो उन्होंने जमीन नहीं मिलने की बात कही थी, जिसके बाद नगर निगम ने उनके निवेश के लिए भूमि चिह्नित की थी।

 


पांच प्लांट लगाने की थी योजना
अमर उजाला के 4 फरवरी 2024 के अंक में उन्होंने अपने निवेश की योजनाएं बताई थीं। जिसमें उन्होंने कहा था कि आगरा में रोज औसतन 1700 टन पेठा व अन्य कचरा निकलता है। 10 टन कचरे से एक टन सीएनजी गैस बन सकती है। 100 टन कचरा से एक मेगावॉट बिजली उत्पादन किया जा सकता है। जिसके लिए वह तहसील स्तर पर पांच प्लांट लगाना चाहते थे। उन्होंने तब कहा था कि यह निवेश 800 करोड़ से बढ़कर 5000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

 


इसके लिए उन्होंने फिनलैंड सरकार से सहायता प्राप्त क्लीन टेक ग्रुप से हाथ मिलाया था। जो एफडीआई के माध्यम से आगरा में निवेश करती। शमसाबाद रोड स्थित मान विहार कॉलोनी निवासी विजय तोमर ने 2010 में सैन्य सेवा से अवकाश लिया था। उसके बाद उन्होंने फुटवियर कंपनी बनाई।

 


एक साल पहले दर्ज हुआ था केस
आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग एक्सपोर्ट चैंबर (एफमेक) के पूर्व अध्यक्ष एएस राना की पत्नी सुनीता ने उनके साथ व्यापार किया था। लेनदेन के विवाद में उनके विरुद्ध तीन करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में अगस्त 2023 में सिकंदरा क्षेत्र में केस दर्ज कराया था। 23 जुलाई 2024 को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा। 47 दिन से वह जेल में बंद थे। 9 सितंबर को हाईकोर्ट से उनकी जमानत हो गई थी। रिहाई का परवाना पहुंचने से पहले उनकी जेल में मौत हो गई। मृतक की पत्नी अलका सिंह का आरोप है कि जेल में उनकी हत्या की गई है।
 


Credit By Amar Ujala

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