यूपी – स्मार्ट निवेश: घर में रखे गहनों को गिरवी रखकर 14 लाख करोड़ का ले लिया लोन, फिर की मोटी कमाई – INA
गोल्ड लोन ने नए रिकॉर्ड बना दिए हैं। इस वर्ष जून तक 14 लाख करोड़ रुपये का लोन केवल घर में रखे गहनों के एवज में ले लिया गया। जबकि एक वर्ष पहले 12.44 लाख करोड़ रुपये का गोल्ड लोन ले लिया गया था। यानी महज एक वर्ष में 1.60 लाख करोड़ रुपये के ज्यादा गहने बैंकों की कस्टडी में पहुंच गए। इसकी वजह सोने की कीमतों में लगी आग है, जिसका लोग जमकर फायदा उठा रहे हैं। गिरवी के एवज में मिली रकम को रियल एस्टेट और शेयर बाजार में लगाया जा रहा है। आरबीआई की हालिया रिपोर्ट ने निवेश के इस ट्रेंड को मजबूत किया है।
निवेश एक्सपर्ट राजीव तुलस्यान के मुताबिक सोने ने पिछले कुछ समय में उम्मीद से बेहतर रिटर्न दिया है। महज तीन साल में दस ग्राम सोने ने 19 हजार रुपये यानी 45 फीसदी से ज्यादा मुनाफा दिया है। इसी अवधि में शेयर बाजार में अप्रत्याशित रूप से निवेश बढ़ा है। खासतौर पर छोटे शहरों से निवेश करने वालों की संख्या में 12 गुना तक तेजी आई है। तीन साल में कुल खुले डीमैट खातों में 40 फीसदी छोटे शहरों के हैं।
ये भी पढ़ें – बुलडोजरों ने इमरजेंसी में ढहाई थीं 4000 से ज्यादा इमारतें, चंद घंटों के नोटिस पर गिरा दिए गए थे घर
ये भी पढ़ें – अखिलेश यादव बोले- सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बुलडोजर की विध्वंसक राजनीति लगी किनारे
उन्होंने बताया कि लोगों के पास कैश सीमित है। इसलिए शेयर बाजार में निवेश के लिए गोल्ड लोन लेने का ट्रेंड तेज हुआ है। इसमें सोना बेचना नहीं पड़ता। दूसरे पहले ही सोने से डेढ़ से दोगुना मुनाफा कमा चुके हैं। यही वजह है कि ज्वैलरी के एवज में इसका एक हिस्सा शेयर बाजार में लग रहा है। साल दो साल में वहां से मिले रिटर्न से गोल्ड लोन का भुगतान कर ज्वैलरी वापस ले लेते हैं। इस अवधि में सोने की कीमत भी बढ़ जाती है।
साल-दर-साल 10 ग्राम सोने का भाव
1 जुलाई 2021 | लगभग 47 हजार रुपये |
1 जुलाई 2022 | लगभग 51 हजार रुपये |
1 जुलाई 2023 | लगभग 54 हजार रुपये |
1 जुलाई 2024 | लगभग 66 हजार रुपये |
एफडी के एवज में 1.26 लाख करोड़ रुपये उधार लिए गए
बैंकों में एफडी पर रिटर्न 6-7 फीसदी से ज्यादा नहीं है। ज्यादा रिटर्न के लिए बिना एफडी तुड़वाए उस पर लोन लेने वालों की संख्या बढ़ी है। इस साल एफडी के एवज में 1.26 लाख करोड़ रुपये लोन लिए गए। पर, खास बात ये है कि शेयर बॉन्ड को लोग सबसे कम गिरवी रख रहे हैं। इससे सिर्फ नौ हजार करोड़ रुपये लिए गए हैं। बाजार एनालिस्ट वीके खन्ना के मुताबिक सारा पैसा शेयर बाजार में नहीं लग रहा है। कोरोना के बाद लोगों ने फ्लैट या भूखंड के लिए भी गिरवी रखकर पैसा उठाया है। बीमारी, शिक्षा और शादी में भी लोन की रकम का एक हिस्सा खर्च हुआ है।
खर्च को लेकर जागरूक हैं लोग
आरबीआई रिपोर्ट के मुताबिक टीवी, फ्रिज व एसी आदि पर लोन लेने से लोग बचते हैं। इसलिए उपभोक्ता उत्पादों के लिए सिर्फ 24 हजार करोड़ रुपये का लोन लिया गया है। जबकि कार लोगों की जरूरत बन गई है। इसलिए 6 लाख करोड़ रुपये फाइनेंस करा लिए गए। साफ है कि लोग खर्च को लेकर जागरूक हो गए हैं।
इस तरह एक साल में बढ़ा पर्सनल लोन
सेक्टर | जुलाई 2023 | जून 2024 | बढ़ोतरी |
उपभोक्ता उत्पाद | 22,113 करोड़ | 24,123 करोड़ | 2,010 करोड़ |
बैंकों की एफडी रखकर | 1,10,319 करोड़ | 1,26,533 करोड़ | 16,214 करोड़ |
शेयर व बॉन्ड आदि रखकर | 7,566 करोड़ | 9,357 करोड़ | 1,791 करोड़ |
क्रेडिट कार्ड | 2,07,605 करोड़ | 2,73,044 करोड़ | 2,73,044 करोड़ |
वाहन लोन | 5,31,534 करोड़ | 6,03,829 करोड़ | 72,295 करोड़ |
गोल्ड ज्वैलरी रखकर | 12,44,787 करोड़ | 14,04,889 करोड़ | 1,60,102 |
(नोट: लोन रुपये में है। उपभोक्ता उत्पाद में टीवी, फ्रिज, एसी आदि आते हैं, जिन्हें लोन पर लिया जाता है)